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वेदांता एल्युमीनियम के उन्नत लॉजिस्टिक्स नेटवर्क ने वित्तीय वर्ष 2025 में 55 मिलियन टन से अधिक कार्गो ट्रांस्पोर्ट किया

रायपुर/ भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी वेदांता एल्युमीनियम देश में सबसे ज्यादा परिष्कृत और हाई-वॉल्यूम लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में से एक को सशक्त बना रही है। इसने वित्तीय वर्ष 2025 में 55 मिलियन टन से अधिक कच्चे माल और तैयार एल्युमीनियम उत्पादों को ट्रांस्पोर्ट किया, यह आंकड़ा बहुत प्रभावशाली है। काबिले गौर है कि इसी वित्तीय वर्ष में भारतीय रेलवे ने लगभग 1,617 मिलियन टन माल ढुलाई की थी। वेदांता एल्युमीनियम की ढुलाई उस मात्रा का लगभग 4 प्रतिशत है, जो एक निजी क्षेत्र की कंपनी के लिए एक असाधारण उपलब्धि है।

ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में मुख्य रूप से फैला हुआ कंपनी का यह लॉजिस्टिक्स ईकोसिस्टम पैमाने, सटीकता और सस्टेनेबिलिटी की मिसाल है। उन्नत लॉजिस्टिक्स नेटवर्क लांजीगढ़ स्थित अपनी कैप्टिव रिफाइनरी से एल्यूमिना, आस-पास की खदानों से कोयला और उच्च-श्रेणी के एल्युमीनियम उत्पादों को घरेलू और वैश्विक, दोनों बाजारों में पहुंचाता है। वेदांता एल्युमीनियम की भारत के लगभग हर प्रमुख बंदरगाह में उपस्थिति है और यह देश के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक, पारादीप बंदरगाह से सबसे बड़े कंटेनर कार्गो निर्यातक के रूप में उभर कर सामने आई है। भारत के अग्रणी निर्यातकों में शामिल यह कंपनी छह महाद्वीपों के 100 से अधिक गंतव्यों तक माल पहुंचाती है, जो ’मेक इन इंडिया’ पहल के तहत एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग और व्यापारिक महाशक्ति बनने की देश की महत्वाकांक्षा को पुष्ट करता है।

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वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ राजीव कुमार ने कहा, ’’वेदांता एल्युमीनियम में लॉजिस्टिक्स हमारे औद्योगिक नेतृत्व, सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों और राष्ट्र निर्माण मिशन का एक रणनीतिक सक्षमकर्ता है। पर्यावरण-प्रथम दृष्टिकोण के साथ हमने भारत की सबसे उन्नत और भविष्य के लिए तैयार लॉजिस्टिक्स प्रणालियों में से एक का निर्माण किया है जो 55 मिलियन टन से अधिक कार्गो को संभालती है और हमारी योजना इसे 80 मिलियन टन तक बढ़ाने की है। जैसे-जैसे भारत एक विकसित देश बनने की ओर अग्रसर होगा कुशल और सस्टेनेबल औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाएं महत्वपूर्ण होती चली जाएंगी। हमारे प्रयास प्रधानमंत्री की गति शक्ति परियोजना के अनुरूप हैं क्योंकि हमारा लक्ष्य डिजिटली एकीकृत, मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क बनाना है जो कनेक्टिविटी को बढ़ाए, लागत कम करे और सभी क्षेत्रों में दक्षता सुधारे। वेदांता एल्युमीनियम एक नया बेंचमार्क स्थापित कर रही है, जो दर्शाता है कि भारतीय उद्योग कैसे जिम्मेदारी से, समावेशी रूप से और वैश्विक रूप से विकसित हो सकता है।’’

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वेदांता एल्युमीनियम के चीफ सप्लाई चेन ऑफिसर दीपक गुलाटी कहते हैं, ’’वेदांता एल्युमीनियम में, रेलवे हमारे लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन की रीढ़ है, जिसे कच्चे माल की आवाजाही के लिए 40 से ज्यादा समर्पित रैकों के बेड़े का सहयोग प्राप्त है। हमें कॉनकोर (कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) का सबसे बड़ा ग्राहक होने पर गर्व है और हम अपने निर्यात लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करने के लिए उनके साथ साझेदारी कर रहे हैं। प्रचालन विस्तार की योजनाओं के साथ हम अपने लॉजिस्टिक्स ईकोसिस्टम के मूल में डिजिटलीकरण और सस्टेनेबिलिटी में निवेश जारी रख रहे हैं।’’

अपने पैमाने के अलावा, वेदांता की लॉजिस्टिक्स प्रणाली अपने पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन की वजह से भी खास है। रेल-आधारित परिवहन पर विशेष ध्यान केंद्रित करके कंपनी ने पर्यावरण पर पड़ने वाले अपने असर को उल्लेखनीय रूप से कम किया है। रेल द्वारा माल परिवहन से ट्रकों पर निर्भरता कम होती है, जिससे उत्सर्जन, डीज़ल की खपत और सड़क पर भीड़भाड़ कम होती है। वर्तमान में 40 से अधिक समर्पित रैक उपयोग में हैं और इस बेड़े को बढ़ाकर 50 से अधिक करने की योजना है जिससे कच्चे माल की कुशल आवाजाही को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, वेदांता भारतीय रेलवे के पूर्वी तट क्षेत्र के सबसे बड़े मालवाहक ग्राहकों में से एक है, जो इसके रेल-केंद्रित दृष्टिकोण का प्रमाण है।

प्लांट के अंदर सामान ढोने के लिए भी कंपनी भारत में लिथियम-आयन इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट्स की सबसे बड़ी फ्लीट संचालित करती है, जिसमें कुल 75 फोर्कलिफ्ट हैं। स्मार्ट सुरक्षा सुविधाओं और रीयल-टाइम निगरानी से लैस ये मशीनें एक सुरक्षित, स्वच्छ और अधिक कुशल कार्यस्थल का निर्माण कर रही हैं।

पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी से परे वेदांता ने हाल ही में भारत की पहली पूर्णतः महिला लोकोमोटिव टीम की तैनाती की है। यह टीम लोकोमोटिव का संचालन व रखरखाव करती है, पूरे संयंत्र में महत्वपूर्ण सामग्री की आवाजाही संभालती है, और भारी उद्योगों में पारंपरिक लैंगिक भूमिकाओं को नए सिरे से परिभाषित करती है।

वेदांता ने आपूर्ति श्रृंखला में अपने डिजिटलीकरण प्रयासों को भी महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाया है, एक डिजिटल नियंत्रण टावर और वाहन ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया है। ये इनोवेशन पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक (ईएसजी) सिद्धांतों और डिजिटलीकरण को केंद्र में रखते हुए एक लचीला और फ्यूचर-रैडी लॉजिस्टिक्स फ्रेमवर्क सुनिश्चित करते हैं।

वेदांता एल्युमीनियम के तैयार उत्पाद जहां दुनिया भर के उद्योगों को ऊर्जा प्रदान करते हैं, वहीं इसका लॉजिस्टिक्स नेटवर्क ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं और स्थानीय आजीविका को भी सशक्त बनाता है। परिवहन, भंडारण, रखरखाव और संबद्ध सेवाओं में हज़ारों रोज़गार सृजित करके, वेदांता की आपूर्ति श्रृंखला भारत के सुदूर क्षेत्रों में समावेशी विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करती है। कंपनी टैक्स और बुनियादी ढाँचे में निवेश के माध्यम से भी महत्वपूर्ण योगदान देती है, जिससे भारत के आर्थिक इंजन में एक मूक शक्ति के रूप में इसकी भूमिका मज़बूत होती है।

वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता लिमिटेड का एक व्यवसाय है जो भारत का सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 में भारत के आधे से अधिक एल्युमीनियम यानी 24.2 लाख टन का उत्पादन किया है। यह वैल्यू-ऐडेड एल्युमीनियम उत्पादों में अग्रणी है, जिनका कोर इंडस्ट्रीज़ में बेहद महत्वपूर्ण इस्तेमाल होता है। वैश्विक एल्युमीनियम उद्योग में एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेशन सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 विश्व रैंकिंग में वेदांता एल्युमीनियम दूसरे स्थान पर है, यह उपलब्धि सतत विकास अभ्यास हेतु कंपनी की प्रतिबद्धता की परिचायक है। भारत में अपने विश्व स्तरीय एल्युमीनियम स्मेल्टर, एल्यूमिना रिफाइनरी और बिजली संयंत्रों के साथ कंपनी धरती के हरेभरे कल के लिए ’भविष्य की धातु’ के रूप में एल्युमीनियम की उभरती ऐप्लीकेशंस को बढ़ावा देने के अपने मिशन पर निरंतर आगे बढ़ रही है।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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