8 सामान्य कोच के साथ चल रही है ट्रेन, भिलाई व भिलाई पावर हाउस जैसे स्टेशनों में नहीं रुकती यह ट्रेन
भिलाई। रेलवे ने हाल ही में रायपुर से जबलपुर के लिए नई इंटरसिटी एक्सप्रेस शुरू की है। इस एक्सप्रेस को शुरू होने के बाद लग रहा था कि रायपुर के बाद भिलाई के लोगों को भी इस ट्रेन का फायदा मिलेगा और लोग इसका उपयोग कर सकेंगे। 3 अगस्त को शुरू हुई ट्रेन का भिलाई के लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है। रायपुर से निकलने के बाद ट्रेन सीधे दुर्ग जंग्शन में रुकती है। एक्सप्रेस ट्रेन के शुरू होने के बाद भिलाई के लोगों की खुशी फीकी पड़ गई है।
बता दें दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर रेल मंडल के अंतर्गत रायपुर से जबलपुर के बीच नई इंटरसिटी एक्सप्रेस 5 अगस्त से नियमित रूप से चल रही है। 11701 और 11702 नंबर के साथ एक्सप्रेस ट्रेन को चलाया जा रहा है जिसमें 8 सामान्य कोच दिए गए हैं। सामान्य कोच ज्यादा होने के बाद भी ट्रेन के स्टॉपेज काफी कम हैं। रायपुर के बाद दुर्ग, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, गोंदिया, बालाघाट, नैनपुर, मदन महल स्टॉपेज के साथ जबलपुर पहुंचती है। भिलाई वासियों को उम्मीद थी कि इस ट्रेन के स्टापेज की सुविधा उनको भी मिलेगी। भिलाई तीन या भिलाई पावर हाउस रेलवे स्टेशन में इसका स्टॉपेज दिया जाता तो यहां के लाखों लोगों को खुशी मिलती हालांकि ऐसा नहीं हुआ।

रेलवे द्वारा भिलाई के स्टेशनों के अनदेखी
भिलाई रेलवे स्टेशन को सर्वसुविधायुक्त बनाया गया लेकिन ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं होने से इसका कोई खास आस्तित्व नहीं बचता। वहीं भिलाई पावर हाउस रेलवे स्टेशन एसईसीआर का एक महत्वपूर्ण स्टेशन है जहां से भिलाई सहित दूर दराज के गांव जुड़े हैं जिनके लिए दुर्ग रेलवे स्टेशन तक जाना अत्याधिक कष्टदायक होता है। उम्मीद थी कि भिलाई पावर हाउस या फिर भिलाई रेलवे स्टेशन पर इसका स्टापेज दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं कर रेलवे ने दोनों दिशा में रायपुर के बाद और पहले दुर्ग स्टेशन पर ही इस बहुप्रतीक्षित ट्रेन का स्टापेज दिया है। अक्सर देखा गया है कि रेलवे द्वारा भिलाई के रेलवे स्टेशनों की अनदेखी की जाती है। रेलवे प्रशासन के इस निर्णय से भिलाई पावर हाउस, खुर्सीपार, भिलाई-3, चरोदा और इसके आसपास रहने वालों में खासी नाराजगी देखी जा रही है।

भिलाई के स्टेशनों में स्टॉपेज से रेलवे को होता फायदा
दरअसल, कुल 15 कोच के साथ रायपुर से जबलपुर के बीच शुरू हुई इंटरसिटी एक्सप्रेस में 8 जनरल कोच हैं। इस लिहाज से भिलाई पावर हाउस या फिर भिलाई-3 में स्टापेज दिए जाने की स्थिति में आम रेल यात्रियों के लिए यह ट्रेन ज्यादा फायदेमंद रहती और इससे रेलवे के राजस्व में भी खासा इजाफा हो सकता था। भिलाई शहर में गोंदिया, बालाघाट और जबलपुर क्षेत्र के मूल निवासियों की अच्छी खासी आबादी निवासरत है। भिलाई में स्टापेज मिलता तो ऐसे लोगों को सुविधा मिलने के साथ ही रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और डोंगरगढ़ तक सफर करने वालों भी ट्रेन का अतिरिक्त विकल्प मिल सकता था।
भिलाई के लोगों के लिए अमरकंटक ही बेहतर ऑप्शन
गोंदिया – बालाघाट के रास्ते रायपुर से जबलपुर नई इंटरसिटी ट्रेन शुरू होने से पहले भिलाई वासियों के लिए जबलपुर का सफर तय करने दुर्ग से बिलासपुर के रास्ते चलने वाली अमरकंटक एक्सप्रेस का एकलौता विकल्प था। अमरकंटक एक्सप्रेस का स्टापेज भिलाई पावर हाउस में है और इस ट्रेन में जबलपुर जाने और आने वाले यात्रियों की संख्या काफी अधिक रहती है। हालांकि बिलासपुर के रास्ते अमरकंटक एक्सप्रेस से जबलपुर आने – जाने में समय अधिक लगता है। चुंकि रायपुर-जबलपुर इंटरसिटी को भिलाई में नहीं रोका जा रहा है इसलिए अमरकंटक की भिलाई व आसपास के लोगों के लिए जबलपुर जाने का बेहतर विकल्प है। अब जब कम समय लगने वाले गोंदिया-बालाघाट के रास्ते इंटरसिटी एक्सप्रेस शुरू हुई है तो जबलपुर आने जाने वालों को दुर्ग स्टेशन तक आने-जाने की मजबूरी सिर चिढ़ा रही है। कहीं ऐसा न हो कि यात्री नहीं मिलने का बहाना बनाकर ट्रेन को ही बंद कर दिया जाए।
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