बिलासपुर। दुर्ग रेलवे स्टेशन से धर्मांतरण व मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार केरल की दोनों ननों काे जमानत मिल गई है। ननों की जमानत अर्जी को कोर्ट ने मंजूर किया है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने यह फैसला लिया। वहीं बिलासपुर एनआईए कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। पीड़ित पक्ष की बेल एप्लिकेशन पर कोर्ट ने फैसला दिया है।
बता दें कि बीते 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन में धर्मांतरण और ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर जमकर बवाल हुआ था। 2 मिशनरी सिस्टर (नन) और एक युवक पर 3 आदिवासी युवतियों को UP के आगरा में काम दिलाने के बहाने बेचने ले जाने का आरोप लगाया गया,इन्हें बजरंग दल से जुड़े लोगों ने पकड़ा था। मामला भिलाई थाना-3 के दुर्ग जीआरपी चौकी का है। जानकारी के मुताबिक नारायणपुर की युवतियों को आगरा ले जाने वालों का नाम सुखमन मंडावी और मिशनरी सिस्टर प्रीति और वंदना है। ये तीनों लोग कमलेश्वरी, ललिता और सुखमति नाम की युवती को आगरा लेकर जा रहे थे। फिलहाल दोनों नन दुर्ग जेल में बंद हैं।

इस मामले में दुर्ग सेशन कोर्ट में बेल आवेदन लगाया जिसे कोर्ट ने यह कहकर टाल दिया कि यह एनआईए का मामला है। इसके बाद बीती एक अगस्त को बिलासपुर एनआईए कोर्ट में मामले में सुनवाई पूरी हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। पीड़ित पक्ष की ओर से बेल एप्लिकेशन लगाई गई थी। शनिवार को बेल आवेदन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया है। अब दोनों नन जेल से बाहर आ जाएंगी।

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