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अगर कर ली यहां से पढ़ाई, तो करोड़पति बनना तय, ‘पैकेज पावरहाउस’ है यह कॉलेज

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वालों की पहली पसंद आईआईटी होती है. अगर जेईई मेंस और एडवांस्ड की परीक्षा को पास करने के बाद भी युवाओं को चिंता रहती है कि कहां दाखिला लें, जहां से प्लेसमेंट के जरिए करोड़ों की सैलरी वाली नौकरी मिल जाए. ऐसे ही कॉलेज के बारे में नीचे विस्तार से पढ़ सकते हैं.12वीं कक्षा पूरी करने के बाद अधिकतर छात्र इंजीनियरिंग या मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वालों की सबसे बड़ी ख्वाहिश होती है कि उन्हें किसी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में प्रवेश मिले. लेकिन इसके लिए सबसे पहले उन्हें JEE Main और उसके बाद JEE Advanced जैसी कठिन परीक्षाओं को पास करना होता है. इन परीक्षाओं में सफलता पाने के बाद अगली चुनौती होती है सही आईआईटी का चयन करना. ऐसा संस्थान जहां न सिर्फ शिक्षा का स्तर ऊंचा हो बल्कि प्लेसमेंट भी शानदार हों.इन्हीं प्रतिष्ठित संस्थानों में एक नाम है IIT इंदौर का, जो हाल के वर्षों में शानदार प्लेसमेंट के कारण सुर्खियों में रहा है. यहां से पढ़ाई करने वाले छात्रों को प्लेसमेंट के दौरान पांच छात्रों को एक-एक करोड़ रुपये से अधिक का सालाना पैकेज भी मिल चुका है. इससे यह साफ है कि यह संस्थान न केवल बेहतरीन अकादमिक माहौल प्रदान करता है, बल्कि विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की नौकरियों के लिए भी तैयार करता है.

पांच छात्रों को मिला 1-1 करोड़ का पैकेज

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर के लिए यह प्लेसमेंट सत्र ऐतिहासिक साबित हुआ है. पहली बार संस्थान के पांच छात्रों को एक-एक करोड़ रुपये से अधिक का सालाना वेतन पैकेज मिला है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार का प्लेसमेंट सीजन अधिक सकारात्मक रहा है. जहां 2023 में सिर्फ एक छात्र को करोड़ रुपये का पैकेज मिला था, वहीं इस बार कम से कम पैकेज में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. 1 दिसंबर 2024 से शुरू हुए प्लेसमेंट अभियान में अब तक 500 से अधिक ऑफर दिए जा चुके हैं और 88% से अधिक छात्रों को रोजगार मिल चुका है.

टेक और कोर सेक्टर से लेकर फिनटेक तक, कंपनियों ने दिखाई रुचि

इस साल कैंपस में आई कंपनियों की संख्या में इज़ाफा हुआ है. 150 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियों और सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) ने प्लेसमेंट प्रक्रिया में हिस्सा लिया है. इसमें आईटी, कोर इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल, ऊर्जा, पर्यावरण, कंसल्टिंग, फिनटेक, बैंकिंग, सेमीकंडक्टर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर की कंपनियां शामिल रहीं.

औसत सैलरी में भी 13% की बढ़त, पहुंची 27 लाख प्रति वर्ष

सिर्फ उच्चतम पैकेज ही नहीं, बल्कि औसत वेतन में भी उल्लेखनीय 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. अब यह आंकड़ा 27 लाख रुपये प्रति वर्ष तक पहुंच गया है, जो संस्थान के छात्रों की गुणवत्ता और मांग दोनों को दर्शाता है. प्लेसमेंट की उपलब्धियों के बावजूद, IIT इंदौर की वैश्विक रैंकिंग में गिरावट चिंता का विषय बनी हुई है. QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में संस्थान को 556वां स्थान मिला है, जबकि वर्ष 2023 में यह 396वें स्थान पर था. चार वर्षों में कुल 160 पायदानों की गिरावट दर्ज की गई है.

बेहतर रैंकिंग के लिए रिसर्च और नवाचार पर ज़ोर

संस्थान के निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने माना कि गिरती रैंकिंग के कारणों की पहचान कर ली गई है और सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब संस्थान रिसर्च आउटपुट, पेटेंट, इनोवेशन, वैश्विक सहयोग और छात्र-विनिमय कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दे रहा है. 34 देशों के साथ 118 समझौते (MoU) और 220 फैकल्टी सदस्यों के साथ 3000 से अधिक छात्रों वाला यह संस्थान अगले दो से पांच वर्षों में अपने प्रयासों के परिणाम दिखाने की उम्मीद कर रहा है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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