बकरीद से ठीक पहले मध्य प्रदेश के IAS अफसर नियाज खान का एक सोशल मीडिया पोस्ट चर्चा में है. उन्होंने पशुओं का खून बहाने को अनुचित करार देते हुए कहा कि यह कहीं से भी उचित नहीं है. पर्यावरण और जीव-जंतुओं की रक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने लिखा कि पेड़-पौधों और जीवों का भी इस धरती पर उतना ही अधिकार है, जितना मनुष्यों का
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर भोपाल में वृक्षारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले नियाज खान ने अपने पोस्ट में कहा, “यह धरती केवल मनुष्यों के लिए नहीं है. पेड़, पौधे, जीव-जंतु, इन सबका भी अधिकार है. इन सबकी रक्षा होनी चाहिए.”
11 अंग्रेजी उपन्यास लिख चुके और पर्यावरण प्रेमी के तौर पर पहचाने जाने वाले इस आईएएस अधिकारी ने एक अन्य पोस्ट में जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताई.लोक निर्माण विभाग (PWD) में उप सचिव नियाज खान ने कुछ समय पहले की गई एक पोस्ट में लिखा, ”जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया में स्पष्ट है. मौसम में बार-बार परिवर्तन हो रहा है और तापमान तेजी से बढ़ रहा है. दुनिया भौतिकवाद में डूबी है और जलवायु आपदा के प्रति ज्यादा चिंतित नहीं है. इस गंभीर मुद्दे को कौन सुलझाएगा? इस ग्रह को बचाना हर धरतीवासी का कर्तव्य है.”
पर्यावरण और जीवों को लेकर चिंतित रहने वाले IAS खान ने इसी साल 27 मार्च को एक ‘X’ पोस्ट में लिखा, ”पूरी दुनिया में भौतिकवाद पर्यावरण की हत्या कर रहा है. जंगल, पेड़-पौधे उखाड़े जा रहे हैं. धरती पर कंक्रीट और सीमेंट का जाल बिछ रहा है. मानव ने इसकी कीमत चुकाना शुरू कर दिया है. पर्यावरण विनाश मानव विनाश का कारण बनेगा. वहीं, 25 मार्च को लिखा, ”चारों तरफ नज़र दौड़ा कर देखो, यह धरती अन्याय पर आधारित है. न्याय शब्द छलावा है. शक्तिशाली कुछ भी करे सब माफ़ है.”
फिलहाल नियाज खान के इस ट्वीट ने बकरीद से पहले सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है, जहां कुछ लोग उनके पर्यावरण संरक्षण के विचारों का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं.
बकरीद पर MP वक्फ बोर्ड की एडवाइजरी
उधर, मध्य प्रदेश में बकरीद पर खुले में कुर्बानी को लेकर छिड़े विवाद के बीच मप्र वक्फ बोर्ड ने कुर्बानी के लिए एडवाइजरी जारी की है. बोर्ड ने सात बिंदुओं पर आधारित इस एडवाइजरी में साफ-सफाई, सरकारी नियमों का पालन और सोशल मीडिया पर कुर्बानी के वीडियो न डालने की अपील की है.