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अब दुर्ग शहर में पकड़ाई दो बांग्लादेशी महिलाएं, नाम बदलकर 8 साल से रह रहे थी दोनों, आधार सहित अन्य दस्तावेज भी बनाए

भिलाई। अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर रहने वाले बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं  की धरपकड़ के लिए गठित दुर्ग एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। मोहन लगा थाना क्षेत्र में एसटीएफ ने दो बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया है। दोनों महिलाएं पिछले 8 सालों से यहां नाम बदलकर रह रही थी। दोनों ने अपने नाम के फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज भी बना रखे थे। दोनो के विरूद्ध बीएनएस 2023 विदेशी नागरिक विषयक अधिनियम 1986 एवं भारतीय पासपोर्ट अधि. 1967 एवं पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधि. 1920 के तहत् कार्रवाई की गई।

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बता दें छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी रोहिंग्यो घुसपैठियों की पहचान कर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने एवं उन्हें वापस भेजे जाने की कार्यवाही के लिए एसटीएफ का गठन किया गया है। इनेक व्दारा लगातार दुर्ग में अवैध रूप रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए कार्रवाई की जा रही है। इस बीच 24 मई को पुलिस को जानकारी मिली कि जयंती नगर मोहन नगर में दो संदिग्ध बांग्लादेशी महिलाएं अपनी पहचान छिपाते हुए सपना शर्मा एवं रानी पासवान के नाम से रह रहे हैं। एसटीएफ टीम एवं मोहन नगर टीम द्वारा दोनों महिलाओं से पूछताछ करने पर उनके द्वारा अपना नाम सपना शर्मा उर्फ सपना मंडल एवं खुशबू उर्फ रानी पासवान बताया गया। दोनो महिलाओं के कब्जे से प्राप्त दस्तावेज एवं मोबाईल डाटा का विस्तृत विश्लेषण जांच किया गया।

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जांच पर पाया गया कि सपना शर्मा उर्फ सपना मंडल का वास्तविक नाम सनाया नूर है जो मूलतः जोरहाट जिला दीनाजपुर बाग्लादेश की रहने वाली है तथा लगभभ 15 वर्ष पूर्व भारत बाग्लादेश सीमा को अवैध रूप से पार कर बिना वैध दस्तावेज के विगत 8 वर्षों से चंगोराभाठा में रह रही है। सनाया नूर ने बाग्लादेशी नागरिक के मूल पहचान को छिपाते हुए स्वयं को भारतीय नागारिक सिद्ध करने के लिए वर्ष 2019 में कूटरचना कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर अभय शर्मा नाम के व्यक्ति को अपना पति बताकर फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड एवं मतदाता परिचय पत्र तैयार की है, जांच पर सनाया नूर द्वारा इंटरनेट के माध्यम से बाग्लदेश के कई नंबरों से लगातार सम्पर्क में रहना पाया गया।

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इसी प्रकार बाग्लादेशी महिला रानी पासवान उर्फ खुशबू से पूछताछ पर उसका नाम खुशबू बेगम पिता जेर मोहम्मद निवासी जोबरहाट जिला दिनाजपुर बाग्लादेश का मूल निवासी होना पाया गया। साथ ही उसके द्वारा लगभग 15 वर्ष पूर्व अवैध रूप से बिना वैध दस्तावेज के बाग्लादेश से भारत में प्रवेश कर रहना पाया गया। इस दौरान उसके द्वारा उत्तरीदीनाजपुर पश्चिम बंगाल एवं आसनसोल जिला वर्धमान, पश्चिम बंगाल में अलग-अलग जन्म तिथि एवं स्वयं को मूल निवासी होना बताते हुए फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर आधार कार्ड तैयार किया गया।

इस प्रकार दोनो बाग्लादेशी महिलाओं के विरूद्ध बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध रूप से भारत में निवासरत होकर बाग्लादेशी नागरिक की मूल पहचान छिपाते हुए एवं स्वयं को भारतीय नागरिक सिद्ध करने के उदेश्य से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उनका दुरूपयोग करना अपराध धारा 318(4), 319(2), 336(3), 3(5) बीएनएस, 14 विदेशी विषयक अधि. 1946, 12 पासपोर्ट अधि. 1967 एवं 3 पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधि. 1920 का घटित पाये जाने से थाना मोहन नगर में अपराध कमांक 219/2025 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण में दोनो बाग्लादेशी नागरिको के द्वारा तैयार किये गये फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज बनाने में सहयोग करने वाले व्यक्तियो कि पहचान कर उनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जा रही है। सम्पर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी मोहन नगर उनकी टीम एवं एसटीएफ टीम की उल्लेखनीय भूमिका रही।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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