जबलपुर :अपने कठोर फैसलों और सरकार तक को फटकार लगाने के लिए जाने-जाने वाले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत का शुक्रवार को विदाई समारोह आयोजित हुआ. इस दौरान चीफ जस्टिस के भावुक भाषण और अनोखे अंदाज ने सभी को रोमांचित और भावुक कर दिया. मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने कहा कि जितना मान-सम्मान मुझे पदभार संभालने के दिन से आज तक इस प्रदेश, इस शहर व इस बार एसोसिएशन में मिला, उतना कहीं नहीं मिला. यह अविस्मरणीय है.
जबलपुर में जो सम्मान मिला, भुला पाना असंभव
चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि जबलपुर शहर में उन्हें जो सम्मान मिले उसे भुला पाना असंभव है. उन्होंने 24 सितंबर 2024 की तारीख का उल्लेख करते हुए कहा कि जब वे पहली बार जबलपुर पहुंचे थे तो स्टेशन से लेकर कोर्ट तक उनका जो सम्मान हुआ वह जीवन भर याद रहेगा. इस दौरान उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कैत, प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा, स्टेट बार के वाईस चेयरमैन आरके सिंह सैनी, डिप्टी सॉलिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव, अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत सिंह रूपराह, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार के सचिव अधिवक्ता निखिल तिवारी, जिला बार अध्यक्ष मनीष मिश्रा, हाईकोर्ट बार अध्यक्ष धन्य कुमार जैन व सचिव परितोष त्रिवेदी मंचासीन थे.
मैं जितना भावुक उतना कठोर : सीजे
जबलपुर के सिल्वर जुबली आदर्श सभागार में अपने भाव व्यक्त करते हुए मुख्य न्यायाधीश कैत ने कहा, ” मैं जितना भावुक हूं उतना ही कठोर, अपने व्यक्तिगत मान-सम्मान की मुझे परवाह नहीं पर इंस्टीट्यूशन के प्रति कोई गलत बात बर्दाश्त नहीं करता. जो कुछ कम समय में बार एसोसिएशन के लिए कर सकता था, मैंने किया. अधिवक्ताओं के लिए पार्किंग और बैठने के लिए आठ मंजिल भवन सरकार से प्रस्तावित कराया.”
भावुक भाषण के साथ गीत गाकर बांधा समा
सीजे सुरेश कुमार कैत ने अपने भावुक विदाई भाषण के साथ अधिवक्ता समुदाय की फरमाइश भी पूरी की. उन्होंने जब मंच से ”तोरे नैना बड़े दगाबाज रे” और मोहम्मद रफी का गीत ”फिरकी वाली तू कल फिर आना” गीत गाया तो सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. अपने कठोर व्यक्तित्व के लिए जाने जाने वाले चीफ जस्टिस का ये अंदाज देख सभागार मौजूद अन्य जज व अधिवक्त रोमांच व आश्चर्य से भर गए. इसके बाद अधिवक्ताओं ने भी गीत के बोलों को दोहराकर चीफ जस्टिस का साथ दिया. इसके बाद सभी ने स्टैंडिंग ओवेशन देकर सीजे का सम्मान किया.
हाईकोर्ट बार अध्यक्ष धन्य कुमार जैन ने बार एसोसिएशन की ओर से सीजे कैत का आभार ज्ञापित किया. उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने असंभव को संभव कर दिखाया. उनकी वजह से बार एसोसिएशन के नवीन भवन का स्वप्न समय पर साकार होगा. उन्होंने मुख्यमंत्री व सुप्रीम कोर्ट के जजों की मौजूदगी में 117 करोड़ का बजट स्वीकृत कराया.” यह कहते ही सभी वकील अपने स्थान पर खड़े हो गए और सीजे कैत के सम्मान में स्टैंडिंग ओवेशन दिया. काफी देर तक तालियां थमीं नहीं.
कौन हैं सुरेश कुमार कैत?
चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत का जन्म 24 मई 1963 को हरियाणा के कैथल जिले के एक गांव में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई कैथल में ही हुई, जिसके बाद उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातक किया और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी एलएलबी की डिग्री पूरी की थी. जस्टिस कैत ने 1989 से वकालत शुरू की और केंद्र सरकार, यूपीएससी व भारतीय रेलवे के एडवोकेट रहे. वे 2008 में पहली बार दिल्ली उच्च न्यायालय में जज बनाए गए थे. इसके पहले वे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और हैदराबाद उच्च न्यायालय में जज रह चुके हैं. उन्हें 24 सितंबर 2024 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का 28वां चीफ जस्टिस बनाया गया था.हाईकोर्ट बार ने विदाई की भावुक बेला में सीजे कैत को हाईकोर्ट भवन का स्मृति चिन्ह व श्रीमती कैत को हथकरघा की साड़ी भेंट की. दो घंटे तक चले कार्यक्रम में सभी भाव विभोर हो गए. हाईकोर्ट बार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित जैन, उपाध्यक्ष प्रशांत अवस्थी, संयुक्त सचिव योगेश सोनी, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह, पुस्तकालय सचिव रजनीश उपाध्याय, कार्यकारिणी सदस्य सपना तिवारी सहित अन्य का सहयोग रहा. संचालन सचिव परितोष त्रिवेदी व आभार अधिवक्ता निर्मला नायक ने ज्ञापित किया