छत्तीसगढ़

सीवाई टीबी टेस्ट की शुरुआत, प्रतियोगिताएँ और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में जनजागरूकता अभियान चलाया गया

विश्व क्षय दिवस 2025 पर सुधा देवा नर्सिंग कॉलेज में विविध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

सीवाई टीबी टेस्ट की शुरुआत, प्रतियोगिताएँ और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में जनजागरूकता अभियान चलाया गया

कवर्धा,  मार्च 2025। विश्व क्षय (टीबी) दिवस के अवसर पर सुधा देवा नर्सिंग कॉलेज, कवर्धा में टीबी उन्मूलन एवं जनजागरूकता के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देश पर इन कार्यक्रमों का संचालन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. राज, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. केशव ध्रुव, एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती अनुपमा तिवारी के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के कर्मचारी, सुधा देवा नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी, छात्राएँ तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान रंगोली एवं पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने टीबी उन्मूलन विषय पर अपनी रचनात्मकता और जागरूकता का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता का निरीक्षण स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किया गया। जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती अनुपमा तिवारी ने प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना की और सभी विजेताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कारों के साथ सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
विश्व क्षय दिवस के अवसर पर सीवाई टीबी टेस्ट का औपचारिक शुभारंभ भी किया गया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि यह एक संक्रमण जाँच परीक्षण है, जिसके माध्यम से उन लोगों की पहचान की जाएगी जिनमें टीबी के लक्षण नहीं हैं लेकिन उनके शरीर में टीबी बैक्टीरिया की मौजूदगी है। इस टेस्ट की विशेषता यह है कि पॉजिटिव पाए जाने वाले व्यक्तियों को 3 एचपी या 6 एचपी दवा का निःशुल्क कोर्स दिया जाएगा। इलाज घर बैठे सरलता से संभव होगा। यह कदम टीबी संक्रमण को आगे बढ़ने से रोकने में सहायक सिद्ध होगा। टीबी के हाई रिस्क ग्रुप की पहचान और प्राथमिकता इस अवसर पर जिला क्षय अधिकारी ने बताया कि टीबी के उच्च जोखिम वाले समूहों में वे लोग शामिल हैं जो कुपोषित हैं या कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले हैं, पहले कभी टीबी से ग्रसित रहे हैं, एचआईवी संक्रमित हैं, कैंसर, बीपी, डायबिटीज़ या हृदय रोग से पीड़ित हैं, नशे का सेवन करते हैं या आईसीयू में भर्ती हो चुके हैं, किसी टीबी मरीज के साथ रह रहे हैं। इन सभी की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सीवाई टीबी टेस्ट से जोड़ा जा रहा है।
कार्यक्रम में उपस्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि टीबी एक पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है, यदि इसका समय रहते पहचान और इलाज किया जाए। जनसमूह को टीबी के प्रति जागरूक करने और इसके लक्षणों के बारे में जानकारी देने हेतु संगोष्ठियाँ, जन संवाद एवं विभिन्न प्रचार माध्यमों के ज़रिए संदेश प्रसारित किया गया। विश्व क्षय दिवस पर सुधा देवा नर्सिंग कॉलेज में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को जागरूक बनाने में सफल रहा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि सामूहिक भागीदारी और समय पर कार्यवाही के माध्यम से टीबी जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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