सेहत

बढ़ती बीमारियों के बीच कैसे रखें लिवर का ध्यान? एक्सपर्ट्स ने बताए खास टिप्स

नई दिल्ली। बेतरतीब खानपान, जंक फूड और गतिहीन जीवन शैली सदैव जवान बने लिवर को भी बीमार बना देती है। मौजूदा दौर में लिवर से संबंधित बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं। कई अध्ययन इसकी पुष्टि करते हैं। इस बीच लिवर रोग के विशेषज्ञों के अनुसार सिर्फ खानपान की आदतों में सुधार लाकर ही लिवर से संबंधित आधी परेशानियों से निजात पाई जा सकती है। 

विश्व लिवर दिवस के अवसर पर इस बार डॉक्टर इसी बात पर ज्यादा जोर भी दे रहे हैं कि खाना ही दवा है। लिवर ट्रांसप्लांटेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. संजीव सैगल के अनुसार खराब खानपान, शराब, प्रोसेस्ड फूड, गतिहीन जीवनशैली के कारण लिवर को हुए नुकसान को ठीक किया जा सकता है। क्योंकि लिवर में स्वयं को स्वस्थ रखने की अद्भुत क्षमता होती है। 

सही जीवनशैली और पोषणयुक्त आहार के जरिए लिवर को दोबारा स्वस्थ किया जा सकता है। ताजे फल, हरी सब्जियां साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त डाइट लिवर से संबंधित बीमारियों को रोकती हैं। साथ ही लिवर के रिजेनरेशन में भी मदद करती हैं।

चीनी युक्त पेय पदार्थों से लिवर में जमा होती है चर्बी

डॉ. सैगल ने कहा कि डॉक्टरों के रूप में, हमने देखा है कि जब मरीज साफ सुधरा आहार लेना शुरू करता है तो उसके लिवर में एंजाइम का स्तर सुधरता है। लंबी अवधि में इसके काफी अच्छे परिणाम होते हैं। बच्चों पर भी बढ़ा खतरा न्यूट्रियंट्स जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में बच्चों में मेटाबोलिक डिस्फक्शन को लेकर चिंता जाहिर की गई है। अध्ययन में सामने आया है कि चीनी युक्त पेय पदार्थों और स्नैक्स मोटापे को बढ़ाने के साथ लीवर में भी चर्बी जमा करते हैं।

 

अच्छे खानपान की लिवर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका

डॉ. संजीव सैगल के अनुसार खाने पीने की चीजों में अब लेबलिंग सुधार लाना बेहद जरूरी है। साथ ही स्कूलों में भी पोषण युक्त खानपान के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए। हर तीन में से एक भारतीय को फैली लिवर डिजीज का खतरा फ्रंटियर ऑफ न्यूट्रिशियन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अच्छे खानपान की लिवर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका है। यूके बायोबैंक में 1.21 लाख लोगों के डाटा का विश्लेषण करने के बाद शोधकर्ताओं को पता चला है कि 16 प्रतिशत लोगों में क्रोनिक लिवर डिजीज का खतरा है।

 

जंक फूड से दूरी लिवर संबंधी बीमारियों के खतरे से कम

 

वहीं, लिवर ट्रांसप्लांटेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. अभिदीप चौधरी के अनुसार हर तीन में से एक भारतीय को फैटी लिवर डिजीज का खतरा है। काफी लोगों को इसका पता भी नहीं चलता। क्योंकि उनमें इसके लक्षण काफी देरी से सामने आते हैं। हालांकि कई अध्ययनों में यह सामने आया है कि कम उम्र में लिवर को हुए नुकसान को जीवन शैली में बदलाव लाकर ठीक किया जा सकता है। इसके लिए ताजा घर में बना खाना खाने से इसके अलावा उच्च शर्करा वाले पेय पदार्थ व जंक फूड से दूरी लिवर से संबंधित बीमारियों के खतरे को कम करती है।

 

बिगड़ती जीवन शैली बड़ी वजह पीजीआई चंडीगढ़ के हेप्टोलॉजी विभाग में हुए एक अध्ययन में करीब 1000 स्वस्थ रक्त दाताओं में 53 प्रतिशत लोगों में नान-एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) के लक्षण पाए गए। विशेषज्ञों को कहना है कि जीवनशैली में आए बदलाव के कारण लिवर संबंधित बीमारियां बढ़ी हैं। हेप्टोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अजय डुसेजा ने बताया कि तनाव, मोटापा और हाई बीपी, फैटी लिवर के मुख्य कारण हैं। बिगड़ती जीवनशैली के चलते लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।

 

उन्होंने बताया कि शुरुआत में इसके कोई लक्षण सामने नहीं आते। जब तक इसका पता चलता है यह बीमारी लिवर को 80 प्रतिशत तक खराब कर चुकी होती है, जिससे हेपेटाइटिस, फाइब्रोसिस, सिरोसिस और लिवर कैंसर तक का खतरा बढ़ जाता है।

ऐसे रखें लिवर को स्वस्थ

  • संतुलित खाना खाएं।
  • प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा चीनी से बचें।
  • शराब पूरी तरह छोड़ दें।
  • बिना डाक्टर की सलाह के सप्लीमेंट, दवा और जड़ी-बूटियां न लें।
  • रोज व्यायाम करें।
  • हेपेटाइटिस बी और सी की जांच जरूर कराएं।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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