जबलपुर। मध्य प्रदेश में बिजली की नई दरें लागू हो चुकी हैं। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने 3.46 प्रतिशत औसत दरें बढ़ा दी हैं। इसके बीच, करीब 25 लाख ऐसे मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ता हैं, जो 150 यूनिट मासिक खपत कर सब्सिडी से बाहर हो जाते, लेकिन उनका भी ख्याल आयोग ने रखा है।बिजली कंपनी ने अपने प्रस्ताव में 151 यूनिट के बाद बिजली के फ्लैट दाम तय करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन आयोग ने इसे अस्वीकार कर दिया। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल राजस्व आवश्यकता 58,744 करोड़ और वर्तमान दरों पर प्राप्त राजस्व 54,637 करोड़ बताया।इस अंतर की राशि 4107 करोड़ रुपये की भरपाई के लिए औसत 7.52 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया था। आयोग ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 57,732.6 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
MP Bijli Bill: मध्य प्रदेश में 25 लाख मध्यमवर्गीय उपभोक्ता को मिली राहत, 151-300 यूनिट का स्लैब बरकरार
मध्य प्रदेश में बिजली की नई दरें लागू हो गई हैं। आयोग ने 3.46 प्रतिशत औसत दरें बढ़ा दी हैं। करीब 25 लाख मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, जिनकी मासिक खपत 151 से 300 यूनिट के भीतर रहती है। आयोग ने 151-300 यूनिट का स्लैब बरकरार रखा है।
By Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 31 Mar 2025 07:56:43 AM (IST)
Updated Date: Mon, 31 Mar 2025 10:11:54 AM (IST)
मध्य प्रदेश में अभी एक करोड़ 27 लाख कुल घरेलू उपभोक्ता हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर
HighLights
- एमपी में बिजली की नई दरें लागू, मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को राहत।
- विद्युत नियामक आयोग ने 151-300 यूनिट का स्लैब बरकरार रखा।
- मध्य प्रदेश में बिजली दरों में 3.46 प्रतिशत की औसत वृद्धि की गई।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। मध्य प्रदेश में बिजली की नई दरें लागू हो चुकी हैं। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने 3.46 प्रतिशत औसत दरें बढ़ा दी हैं। इसके बीच, करीब 25 लाख ऐसे मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ता हैं, जो 150 यूनिट मासिक खपत कर सब्सिडी से बाहर हो जाते, लेकिन उनका भी ख्याल आयोग ने रखा है।
बिजली कंपनी ने अपने प्रस्ताव में 151 यूनिट के बाद बिजली के फ्लैट दाम तय करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन आयोग ने इसे अस्वीकार कर दिया। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल राजस्व आवश्यकता 58,744 करोड़ और वर्तमान दरों पर प्राप्त राजस्व 54,637 करोड़ बताया।
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इस अंतर की राशि 4107 करोड़ रुपये की भरपाई के लिए औसत 7.52 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया था। आयोग ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 57,732.6 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

यह था प्रस्ताव
बिजली कंपनी के प्रस्ताव में घरेलू उपभोक्ताओं की चार श्रेणी को तीन श्रेणी में समेट दिया था। पहली श्रेणी 50 यूनिट, दूसरी श्रेणी 51 से 150 यूनिट और तीसरी श्रेणी 151 से ऊपर की रखी गई। अभी 151 से 300 यूनिट की श्रेणी के लिए अलग दर तय है। कंपनी 151 के ऊपर एक दर तय करना चाह रही थी। इससे 50 पैसे प्रति यूनिट का बोझ उपभोक्ता पर डालने का प्रस्ताव था।
आर्थिक बोझ से बचे
प्रदेश में अभी एक करोड़ 27 लाख कुल घरेलू उपभोक्ता हैं। बिजली कंपनी करीब एक करोड़ उपभोक्ताओं को सब्सिडी देती है। ये उपभोक्ता 150 यूनिट मासिक खपत के दायरे में आते हैं। अभी कंपनी 100 यूनिट के लिए 100 रुपये और अगली 50 यूनिट पर सामान्य दर से बिलिंग करती हैइससे उपभोक्ता को करीब 450 रुपये से अधिक की बचत होती है। इस बीच 25 लाख से ज्यादा ऐसे बिजली उपभोक्ता हैं जिनकी मासिक खपत 151 से 300 यूनिट के भीतर रहती है। ऐेसे उपभोक्ता स्लैब बरकरार रहने से अधिक आर्थिक बोझ पड़ने से बच गए हैं।