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छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती वर्ष समारोह में शामिल हुई राष्ट्रपति मुर्मू, बोलीं – जनप्रतिनिधि के तौर पर विधायक बनना सौभाग्य की बात

रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित रजत जयंती कार्यक्रम में शामिल हुई। इस मौके पर उन्होंने विधानसभा में विधायकों को संबोधित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि एक जन प्रतिनिधि के रूप में विधायक की जिम्मेदारी निभाना बडे़ ही सौभाग्य की बात है। विधायक जनता के विश्वास का प्रतीक है। राष्ट्रपति ने विधानसभा में अपने भाषण की शुरुआत नमस्कार जय जोहार से की। उन्होंने विधानसभा की रजत जयंती वर्ष की सभी को गाड़ा-गाड़ा बधाई थी। साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास व इसकी विशेषताओं को जानकर एक बात तय हो गई है कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।

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इससे पहले एयरफोर्स के विशेष विमान से रायपुर पहुंचीं थी। एयरपोर्ट पर उनके स्वागत में छत्तीसगढ़ी कलाकारों ने नृत्य किया। विधानसभा के 25 साल पूरे होने के मौके पर रजत जयंती वर्ष कार्यक्रम आयोजित किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आगमन पर स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री द्वय अरुण साव एवं विजय शर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, महापौर मीनल चौबे, रमेश बैस, सरोज पाण्डे, गौरीशंकर अग्रवाल, शिवरतन शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने स्वागत किया।

अब तक 565 विधेयक पारित किए गए : डॉ रमन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्पीकर रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में टोनही प्रताड़ना, खाद्य सुरक्षा सहित अब तक 565 विधेयक पारित हो चुके हैं। इस दौरान डॉक्टर रमन सिंह विधानसभा में सदस्यों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि विधानसभा में सदस्यों की संख्या 90 है। इनमें अनुसूचित जनजाति के 30, अनुसूचित जाति के 10, OBC के 35 सदस्य, सामान्य वर्ग के 15 और महिला सदस्यों की संख्या 19 है। विधानसभा में पहली बार चुनकर आए सदस्यों की संख्या 51 है। डॉ रमन सिंह ने कहा राष्ट्रपति की वर्तमान विधानसभा छठवीं विधानसभा है। हमारे विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 90 है। अनुसूचित जनजाति के 30, अनुसूचित जाति के 10, अन्य पिछड़ा वर्ग के 35 सदस्य, सामान्य वर्ग के 15 सदस्य, महिला सदस्यों की संख्या 19 है। इस विधानसभा में पहली बार चुनकर आए सदस्यों की संख्या 51 है। राष्ट्रपति की संसदीय व्यवस्था का उद्देश्य लोक कल्याण है। अब तक 565 अहम विधेयकों को विधानसभा में पारित किया गया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 2005 में मातृशक्ति के सम्मान सुरक्षित रखने की दृष्टि से टोनही प्रताड़ना के लिए विधेयक पारित किया। लोकसभा गारंटी विधेयक खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित किया गया।

छत्तीसगढ़ से मुझे बहुत लगाव : राष्ट्रपति मुर्मू
विधानसभा में बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि छत्तीसगढ़ से मुझे काफी लगाव है। मैं यहां कई बार आ चुकी हूं। यहां के लोग काफी अच्छे हैं इसलिए छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया कहते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि आप जैसे बरगढ़, संबलपुर को छत्तीसगढ़ का हिस्सा समझते हैं, हम भी रायपुर को ओडिशा का हिस्सा समझते हैं। उन्होंने कहा कि परिसीमन की सीमा है, लेकिन दिल की कोई दीवार नहीं है। दिल से हम सब एक। चाहे छत्तीसगढ़ हो या ओडिशा हो। 250 साल पहले गुरु घासीदास ने समाज सुधार का संकल्प लिया था उसे आज आप सबको सिद्ध करना है। श्रेष्ठ छत्तीसगढ़ का निर्माण करना है।

पूरे विश्व के हैं भगवान जगन्नाथ
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि महाप्रभु जगन्नाथ सिर्फ ओडिशा के नहीं है बल्कि पूरे विश्व के हैं, छत्तीसगढ़ के हैं। मंदिर में जो 56 कोटि का चावल पकता है। भगवान जगन्नाथ के पास छत्तीसगढ़ का चावल भी आता है। वह प्रसाद पूरा विश्व खाता है। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे बताया गया है कि अब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में 565 विधेयक पारित किए गए हैं, जिसमें कई विधेयक समाज के विकास से संबंधित है। इस सदन को छत्तीसगढ़ की माता बहनों का विशेष समर्थन मिला है। मैं महिला विधायकों से कहना चाहूंगी कि आप सब जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत रहें।

नक्सलवाद अंतिम चरण में
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का खात्मा अब अंतिम चरण पर है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोग विकास के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं है, यहां सीमेंट, खनिज उद्योग, स्टील, एल्यूमिनियम और विद्युत उत्पादन जैसे क्षेत्रों में विकास के कई मौके हैं। यहां के पारंपरिक लोक शिल्प की देश-विदेश में सराहना होती है। हरे-भरे जंगल, झरने मनमोह लेती हैं। यह राज्य सही अर्थों में भारत माता का प्रतीक है। नारी शक्ति के संदर्भ में मिनीमाता का योगदान याद है। छत्तीसगढ़ से संसद जाने वाली पहली महिला जन सेवक थीं और लगातार पांच बार लोकसभा में सांसद बनी। मिनीमाता ने लोगों के कल्याण और उत्थान के लिए कार्य किए थे।

राष्ट्रपति हमारे बीच उपस्थित रही यह हमारा सौभाग्य : सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हमारी विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा लोकतंत्र की सुदृढ़ परंपराओं की प्रतीक है। वर्ष 2000 में भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में बने इस राज्य का यह रजत वर्ष, संयोग से उनके जन्मशताब्दी वर्ष में पड़ रहा है, जिसे हम “अटल निर्माण वर्ष” के रूप में मना रहे हैं। हम सभी का सौभाग्य है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के गौरवशाली 25 वर्षों के उत्सव में देश की प्रथम नागरिक, माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी हमारे बीच उपस्थित रहीं। आज हम सभी ने ‘शिष्य भाव’ से माननीय राष्ट्रपति जी से मार्गदर्शन प्राप्त किया। हम सभी मिलकर विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध हैं।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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