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छत्तीसगढ़ में 40 लाख के इनामी 11 नक्सलियों ने किया सरेंडर, सीएम साय बोले- मार्च 2026 तक खात्मा तय

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। शुक्रवार को यहां 11 नक्सलियों ने हथियार डालकर समाज की मुख्यधारा में प्रवेश किया। आत्मसमर्पण करने वालों में 7 महिलाएं भी शामिल हैं। इन सभी पर कुल मिलाकर 40 लाख रुपए का इनाम घोषित था। नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा तय है।

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नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि इन नक्सलियों ने पुलिस, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली उत्तरी बस्तर और माड़ डिवीजन में सक्रिय थे. इनमें प्रमुख रूप से सन्नू उर्फ मंगेश उपेंडी (38) और संतू उर्फ बदरू वडादा (35) पर 8-8 लाख रुपये का इनाम, जनिला उर्फ जलको कोरमा (36) पर 5 लाख रुपये का इनाम, चार नक्सलियों पर 3-3 लाख रुपये का इनाम और तीन नक्सलियों पर 2-2 लाख और एक नक्सली पर 1 लाख रुपये का इनाम था।

नक्सलवाद के खिलाफ ‘माड़ बचाओ अभियान’ का असर
एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि नारायणपुर पुलिस और आईटीबीपी की कड़ी मेहनत के कारण यह आत्मसमर्पण संभव हो पाया। उन्होंने कहा, इस आत्मसमर्पण से शीर्ष नक्सली नेतृत्व को बड़ा झटका लगा है। ‘माड़ बचाओ अभियान’ (Maad Bacaho Abhiyaan) के तहत अबूझमाड़ को नक्सल मुक्त बनाने का सपना अब साकार होता दिख रहा है। पुलिस के अनुसार, इन सभी नक्सलियों को तत्काल पुनर्वास सहायता के रूप में 25,000 रुपए दिए गए हैं। सरकार की नक्सली आत्मसमर्पण नीति के तहत इन्हें और सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।

अमानवीय नीतियों से निराश होकर किया सरेंडर
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने कहा कि वे माओवादी विचारधारा की खोखली और अमानवीय नीतियों से निराश हो चुके थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वरिष्ठ नक्सली कैडर भोले-भाले आदिवासियों का शोषण कर रहे थे। इसके अलावा, सुरक्षा बलों की बढ़ती उपस्थिति और सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों ने भी उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया। नक्सलियों ने खासतौर पर ‘नियद नेल्लानार’ योजना की सराहना की, जिसके तहत अबूझमाड़ के दुर्गम इलाकों में विकास कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस योजना के तहत सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. इससे आदिवासी समुदाय की जीवनशैली में सुधार हो रहा है।

नक्सलवाद में फंसे लोग समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं- सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि नक्सल विचारधारा से क्षुब्ध और छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नारायणपुर जिले में 40 लाख के इनामी 11 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। बस्तर में कैंसर रूपी नक्सलवाद के ताबूत पर आखिरी कील ठोंकने का काम हमारी डबल इंजन की सरकार कर रही है। इसके कुचक्र में फंसे लोग अब पुनः समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं, जो स्वागतेय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा तय है। बस्तर संभाग के सुदूर अंचलों में हमारी सरकार द्वारा लगातार नए सुरक्षा कैंप स्थापित करने, नियद नेल्ला नार योजना से सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। हमारी सरकार, नक्सलवाद का दामन छोड़ मुख्यधारा में आने वाले इन लोगों के पनरुत्थान के लिए तत्पर है।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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