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मध्यप्रदेश सरकार के साथ डील के बाद इस एनर्जी शेयर को खरीदने टूटे निवेशक, ₹103 पर आया भाव

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के शेयर आज मंगलवार को कारोबार के दौरान फोकस में हैं। कंपनी के शेयर शुरुआती कारोबार में ही बीएसई पर 4% से अधिक चढ़कर 103 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए थे। शेयरों में इस तेजी के पीछे मध्यप्रदेश सरकार के साथ एक डील है। दरअसल, पब्लिक सेक्टर की कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (एनजीईएल) ने मध्यप्रदेश में 20 गीगावाट तक की परियोजनाएं विकसित करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में सहयोग करने के लिए मध्यप्रदेश पावर प्रोडक्शन कंपनी (एमपीपीजीसीएल) के साथ समझौता किया है।

कंपनी ने क्या कहा?

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने सोमवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि एमपीपीजीसीएल और एनजीईएल एमपीपीजीएल के रिन्यूएबल प्रोडक्शन दायित्व और राज्य की डिस्कॉम (वितरण कंपनियों) के नवीकरणीय खरीद दायित्व को पूरा करने के लिए एक संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन के लिए संयुक्त रूप से काम करेंगे। सूचना में कहा गया है कि रिन्यूएबल एनर्जी पार्कों/परियोजनाओं के विकास में सहयोग करने और एनर्जी परिवर्तन की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के लिए, भोपाल में आयोजित वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन-2025 में एनजीईएल और एमपीपीजीसीएल के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। राज्य के मुख्यमंत्री  मोहन यादव की मौजूदगी में एनजीईएल और एमपीपीजीसीएल के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। इस समझौते में मध्यप्रदेश में 20 गीगावाट या उससे अधिक स्टोरेज के साथ या बिना स्टोरेज के सोलर/विंड/हाइब्रिड वाली परियोजनाओं की स्थापना के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग करने की परिकल्पना की गई है।

कंपनी के शेयरों के हाल

बता दें कि एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के शेयरों की लिस्टिंग साल 2024 में हुई थी। यह एनजीईएल, एनटीपीसी की सहायक कंपनी है। कंपनी के शेयर इस साल अब तक 22% तक गिरा है। पांच दिन में कंपनी के शेयर 6% तक गिर गए। सालभर में कंपनी के शेयर 20% तक डाउन है। बता दें कि एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में मुनाफा 18 फीसदी बढ़कर 65.61 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के मुताबिक एक साल पहले इसी तिमाही में उसने 55.61 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। समीक्षाधीन तिमाही में कुल आय सालाना आधार पर 463.46 करोड़ रुपये से बढ़कर 581.46 करोड़ रुपये हो गई। खर्च 383.28 करोड़ रुपये से बढ़कर 482.22 करोड़ रुपये हो गया।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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