रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के दौरान लगातार समितियों द्वारा गड़बड़ी की जा रही है। इस पर सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाया है और लगातार कार्रवाई भी जारी है। इसी कड़ी में बिलासपुर में गड़बड़ी सामने आने पर 82 क्विंटल से ज्यादा धान का टोकन निरस्त किया गया। वहीं महासमुंद मंे 62 कट्टा धान जब्त किया गया।
बिलासपुर जिले की संयुक्त टीम ने समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के मामले में गड़बड़ी किए जाने का मामला पकड़ा है। इस पर कार्रवाई करते हुए 82.20 क्विंटल धान का टोकन निरस्त कराने के साथ ही, किसान पोर्टल में दर्ज कृषक के धान रकबे को भी विलोपित करा दिया है। कलेक्टर निर्देशानुसार बिलासपुर जिले के धान उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी, दलालों और कोचियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि बिलासपुर तहसील स्थित महमंद धान उपार्जन केंद्र का आज नायब तहसीलदार द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सेवा सहकारी समिति, महमंद के एक किसान द्वारा कटाए गए 82.20 क्विंटल धान के टोकन के अनुरूप, मौके पर धान की उपलब्धता नहीं पाई गई। इस पर संयुक्त टीम ने तत्काल टोकन निरस्त कर किसान से रकबा समर्पण कराया।
बिना दस्तावेज धान परिवहन पर कार्रवाई
महासमुंद जिले में अवैध धान परिवहन पर प्रशासन की सख्ती जारी है। कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशन में अतिरिक्त तहसीलदार बागबाहरा, राजस्व निरीक्षक खल्लारी एवं मंडी सचिव बागबाहरा की संयुक्त टीम ने ग्राम बरबसपुर-भीमखोज-खल्लारी मार्ग पर मालवाहकों की औचक जांच अभियान चलाया। जांच के दौरान एक वाहन में 62 कट्टा धान लदा हुआ पाया गया। वाहन चालक से दस्तावेज मांगने पर वह कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। मंडी अधिनियम के तहत इसे धान का अवैध परिवहन मानते हुए धान को जब्त कर खल्लारी समिति को सुपुर्द कर दिया। गौरतलब है कि कृषि उपज के परिवहन के लिए वैध दस्तावेज अनिवार्य हैं। बिना दस्तावेज धान की ढुलाई करना अवैधानिक है।
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