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1.1 अरब रुपए के सामुदायिक निवेश और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 28 प्रतिशत की कमी करते हुए वेदांता एल्युमीनियम पर्यावरण, समाज और गवर्नेंस (ईएसजी) के मोर्चों पर निरंतर अग्रसर

कंपनी द्वारा जारी की गई सतत विकास रिपोर्ट 2023-24 क्लाईमेट एक्शन, सामुदायिक निवेश और गवर्नेंस के क्षेत्र में किए उल्लेखनीय कार्यों को दर्शाती है.
रायपुर/ भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी, वेदांता एल्युमीनियम सस्टेनेबिलिटी की राह पर निरंतर नए मानक स्थापित कर रही है। वित्त वर्ष 2012 को आधार वर्ष मानते हुए कंपनी अब तक अपने ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन 28.5 प्रतिशत तक घटा चुकी है। यह उपलब्धि इस बात का सबूत है कि कंपनी पर्यावरण को लेकर अपना दायित्व गंभीरता से निभा रही है और वह नेट ज़ीरो भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है। सस्टेनेबिलिटी की राह पर कंपनी के सफर और उपलब्धियों को ताज़ा सतत विकास रिपोर्ट 2023-24 में विस्तार से बताया गया है। यह रिपोर्ट पर्यावरण प्रबंधन, गवर्नेंस और सामुदायिक पहलों में कंपनी महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डालती है।

सामुदायिक प्रभाव कायम करने के लिए कंपनी मजबूती से कोशिशों में लगी है, गौरतलब है कि विभिन्न सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए कंपनी ने 1.1 अरब रुपए आवंटित किए हैं। इन पहलों ने देश के कुछ सबसे पिछड़े इलाकों के 269 गाँवों में लगभग 6,00,000 लोगों की जिंदगियों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। वेदांता एल्युमीनियम समावेशी विकास पर ध्यान देती है और इसके साथ सामाजिक समानता को बढ़ाने और अपने प्रचालन क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक उत्थान में योगदान देती है।

वेदांता की गैर-कार्यकारी निदेशक प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, “वेदांता एल्युमीनियम में, हम अपने ‘ट्रांसफॉर्मिंग फॉर गुड’ फलसफे को हकीकत बनाने में गर्व महसूस करते हैं, जो सस्टेनेबिलिटी, समावेशिता और सार्थक सामुदायिक प्रभाव के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। वैश्विक ऊर्जा बदलाव के एक प्रमुख समर्थक के रूप में, एल्युमीनियम उत्पादन के लिए जिम्मेदार और टिकाऊ पद्धतियों की आवश्यकता होती है। अपने ईएसजी सिद्धांतों पर चलते हुए हम वर्ष 2050 तक कार्बन तटस्थता हासिल करने के लिए समर्पित हैं तथा वर्ष 2070 के लिए भारत के नेट ज़ीरो विज़न के मुताबिक हम पर्यावरण के प्रति जागरूक रहते हुए अपना प्रचालन आगे बढ़ा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के मसले पर हमने साहसिक कदम उठाए हैं, जिनमें अपने प्रचालन में अक्षय ऊर्जा का समावेश और ग्रीन एल्युमीनियम लाइंस (रेस्टोरा और रेस्टोरा अल्ट्रा) की शुरूआत शामिल है। अपने इन कदमों के जरिए हम वैश्विक स्तर पर जिम्मेदार औद्योगिक विकास के लिए एक बेंचमार्क स्थापित कर रहे हैं। हम साथ मिलकर पृथ्वी और उसके निवासियों के लिए एक सस्टेनेबल भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।”

कंपनी की सस्टेनेबिलिटी यात्रा पर वेदांता एल्युमीनियम के सीओओ सुनील गुप्ता ने कहा, “वेदांता एल्युमीनियम में हमारे द्वारा किए जाने वाले हर काम के मूल में सस्टेनेबिलिटी का पहलू रहता है। अपनी कोशिशों के चलते ही एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 में हमने गौरव के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया। वित्तीय वर्ष 2024 की सतत विकास रिपोर्ट के जारी होने पर हम स्थायी पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव कायम करने की दिशा में अपनी यात्रा की उल्लेखनीय उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं। वर्ष 2050 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन हासिल करने की हमारी प्रतिबद्धता ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में पर्याप्त कमी और अक्षय ऊर्जा को अपनाने की हमारी बढ़ती प्रवृत्ति में दिखाई देती है। पर्यावरणीय संरक्षण के अलावा हम स्थानीय समुदायों को सशक्त करने और सस्टेनेबल औद्योगिक अभ्यास को बढ़ावा देने के लिए भी निरंतर प्रयासरत हैं। ये उपलब्धियाँ सस्टेनेबिलिटी में हमारे नेतृत्व को रेखांकित करती हैं और आबादी, पृथ्वी और भावी पीढ़ियों के प्रति जिम्मेदारी के साथ विकास को संतुलित करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं।”

इस रिपोर्ट में रेखांकित मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

-वैश्विक स्तर पर एल्युमीनियम क्षेत्र के लिए एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट में दूसरा स्थान प्राप्त किया।
-वेदांता एल्युमीनियम ने रेस्टोरा और रेस्टोरा अल्ट्रा नामक कम कार्बन वाले एल्युमीनियम उत्पाद लॉन्च किए, जो 10.17 प्रतिशत रिक्लेम्ड एल्युमीनियम से बने हैं और ये कार्बन उत्सर्जन बहुत कम करते हैं।
-वित्तीय वर्ष 2021 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2024 में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 10 प्रतिशत की कमी आई।
-विनिर्माण प्रक्रिया से उत्पन्न राख का 133 प्रतिशत उपयोग हासिल किया गया।
-1.3 अरब यूनिट अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल की गई जो कुल ऊर्जा उपयोग का 3.7 प्रतिश्त है।
-वित्तीय वर्ष 2024 में 15 अरब लीटर से अधिक पानी रिसाइकल किया गया और 13 लाख गीगाजूल ऊर्जा बचाई।
-जिन क्षेत्रों में खनन समाप्त हो चुका है, जहाँ तेजी से पुनर्वास के लिए 13 लाख से अधिक स्थानीय प्रजातियों के पौधे लगाए गए।-प्रतिदिन 20 टन बायोमास ब्रिकेट का उपयोग किया गया, जिससे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में सालाना 10,000 टन कार्बन डाईऑक्साइड कमी आई।
-शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग दस लाख महिलाओं और बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।-कार्यस्थल विविधता और समावेशन पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। कंपनी ने अपने कार्यबल में 19 प्रतिशत लैंगिक विविधता हासिल कर ली है। इसमें कार्यबल में 26 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को शामिल करना भी शामिल है।

वेदांता लिमिटेड का एक व्यवसाय वेदांता एल्युमीनियम भारत का सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक है, जिसने वित्तीय वर्ष 2024 में भारत के आधे से अधिक एल्युमीनियम यानी 23.7 लाख टन का उत्पादन किया। यह वैल्यू-ऐडेड एल्युमीनियम उत्पादों में अग्रणी है, जिनका मुख्य उद्योगों में महत्वपूर्ण इस्तेमाल होता है। भारत में अपने विश्व स्तरीय एल्युमीनियम स्मेल्टर, एल्युमिना रिफाइनरी और बिजली संयंत्रों के साथ, कंपनी आने वाले कल को हराभरा बनाने के लिए ‘भविष्य की धातु’ के रूप में एल्युमीनियम के उभरते अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने के अपने मिशन पर अग्रसर है।

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