नौकरी-पढ़ाई का चक्कर ही नहीं…इस सब्जी की खेती से 6-7 लाख कमा रहा किसान, 15 दिन में हो जाती तैयार
आजकल कई किसान खेती कर लाखों रुपये छाप रहे हैं. पिछले कुछ सालों से हमारे देश में मशरूम की खेती का चलन तेजी से बढ़ा है. ये एक नकदी फसल होने के चलते इसकी खेती में कमाई की अपार संभावनाएं हैं. अलग-अलग मशरूम की वैरायटी और साल के अलग-अलग सीजन में इसकी खेती मशरूम को और खास बना देती है. खास प्रकार की सब्जी में शामिल मशरूम का टेस्ट लोगों को बेहद पसंद है. इसकी मांग साल के हर महीने बनी रहती है, जिसके चलते किसान इसे बड़े स्तर पर उगा कर मोटी कमाई कर रहे हैं.
मशरूम की खेती
जिले के इस किसान ने मशरूम की खेती कर उन्हें लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा हो रहा है, जिसके लिए वह कई वर्षों से मशरूम की खेती कर लाखों रुपए की कमाई कर रही हैं. जनपद बाराबंकी के फतहाबाद गांव के रहने वाले सुनील वर्मा ने एक बंगले से मशरूम की खेती की शुरुआत की. जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज वह करीब दो बंगले में मशरूम की खेती कर रही हैं. इस खेती में लगभग 6 से 7 लाख रुपए एक फसल पर मुनाफा हो रहा है.
लाखों में होगा मुनाफा
मशरूम की खेती करीब हम चार-पांच सालों से कर रहे हैं. क्योंकि इस खेती में लागत के हिसाब से मुनाफा काफी ज्यादा है. इस समय हमारे पास दो छप्परो में मशरूम की खेती कर रहे हैं जिसमें लागत एक छप्पर में करीब डेढ़ लाख रुपए के आसपास आती है. मुनाफा करीब 6 से 7 लाख रुपए तक हो जाता है क्योंकि मशरूम की डिमांड ठंडी के मौसम में ज्यादा रहती है और इसको एक बार लगाने के बाद चार से पांच महीने तक फसल मिलती रहती है.
15 दिन में निकल जाती है फसल
इसकी खेती करने के लिए खेत में छप्पर के बंगले तैयार किये जाते हैं. फिर बंगले के अंदर बांस बल्लियों के सहारे मशरूम उगाने के लिए बेड बनाए जाते हैं. फिर इसमें गेहूं का भूसा नीम खली वर्मी कंपोस्ट वह गोबर की खाद मिलाकर एक महीने तक सड़ाया जाता है. उसके बाद इसमें मशरूम के बीज की बुआई की जाती है. मशरूम बोने के पन्द्रह दिनों बाद यह फसल निकलना शुरू हो जाती है जो करीब 4 से 5 महीने तक फसल मिलती रहती है.