भरतपुर: मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिर्जव क्षेत्र से बाघ घूमते हुए छत्तीसगढ़ के जंगलों में अपना ठिकाना बदल रहा है. पांच दिसंबर को बाघ गौरेला पेंड्रा मरवाही की सीमा में दाखिल हुआ. पांच दिसंबर से सात दिसंबर तक वह मरवाही वन मंडल के कई इलाकों में घूमता रहा. सात दिसंबर बाघ ने अपना ठिकाना बदला और मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर(एमसीबी) के जंगली इलाकों में जा पहुंचा. एमसीबी में बाघ ने भौता गांव के जंगलों में घूमना शुरू किया. वह यहां लगातार मवेशियों और बकरियों को निशाना बना रहा है.
चिरमिरी में एमपी के टाइगर की दहशत: मनेंद्रगढ़ के भौता गांव में आया एमपी का बाघ अब चहलकदमी करते हुए चिरमिरी के जंगल में पहुंच गया है.चिरमिरी के मौहारी डांड इलाके में बाघ की मौजूदगी है. यहां इसने एक मवेशी को अपना शिकार बनाया है. वन विभाग की टीम लगातार बाघ की हरकतों पर नजर रख रही है. वन विभाग ड्रोन कैमरे से बाघ को ट्रैक कर रहा है. बाघ का आराम करता हुआ एक वीडियो भी सामने आया है.
बाघ के पैरों के निशान मिले हैं. हम ड्रोन कैमरे के जरिए उसकी गतिविधियों पर लगातार निगरानी रख रहे हैं. वन विभाग की टीम हर संभव कोशिश कर रही है कि ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की हानि से बचाया जा सकें. मवेशी चराने वाले ग्रामीणों को सख्त हिदायत दी है कि वे जंगल की ओर न जाएं. वन विभाग की टीम गांवों में लोगों को जागरुक कर रही है. जिससे ग्रामीण सतर्क रहें और बाघ से सुरक्षित दूरी बनाए रखें- एसडी सिंह, रेंजर, चिरमिरी वन विभाग
वन विभाग के कर्मी कर रहे गश्त: बाघ की मौजूदगी को लेकर वन विभाग हरकत में है. टाइगर के लगातार ठिकाना बदलने से वनकर्मियों की चुनौती बढ़ गई है. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट टाइगर पर नजर रखने के लिए एक्सपर्ट वन्य प्राणी विशेषज्ञ की मदद ले रहा है. पूरे मनेंद्रगढ़ वन मंडल में वनकर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है. वन विभा का दावा है कि वह बाघ के मूवमेंट पर पैनी नजर बनाए हुए है. मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के इलाकों में लोगों की सुरक्षा को लेकर भी वन विभाग कदम उठा रहा है. लोगों को जंगल से दूरी बनाए रखने की हिदायत दी गई है