भिलाई नगर थाना क्षेत्र का मामला, महाराष्ट्र के सांभाजी नगर से गिरफ्तार हुआ आरोपी
भिलाई। दुर्ग जिले के भिलाई नगर थाना क्षेत्र में डिजिटल अरेस्ट के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। रुआबांधा निवासी एक शख्स को ट्राई, सीबीआई, ईडी का अधिकारी बताकर पहले डराया गया। इसके बाद गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए बचने के लिए 49 लाख रुपए खाते में ट्रांसफर करा लिए। इस मामले में भिलाई नगर पुलिस व एसीसीयू की संयुक्त टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद महाराष्ट्र के संभाजी नगर से आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अन्य आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। एएसपी सिटी सुखनंदन राठौर ने शुक्रवार शाम को इस मामले का खुलासा किया।
दरअसल इस मामले में 16 नवंबर को पीड़ित इंद्र प्रकाश कश्यप, निवासी रूआबांधा ने भिलाई नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें अज्ञात नंबरों से वाट्सएप कॉल और मैसेज के जरिए ट्राई, सीबीआई और ईडी के अधिकारी बनकर संपर्क किया गया। अलग अलग नंबरों से कॉल कर सुप्रीम कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट व अन्य नोटिस भेजकर डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाया। गिरफ्तारी से बचने के लिए 49 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए। शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में धारा 318 (4) बीएनएस व 66 डी आईटी एक्ट का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया।
बैंक व कॉल डिटेल से पहुंची आरोपी तक
विवेचना के दौरान प्राथी से संपर्क स्थापित कर पुलिस की टीम ने घटना से संबंधित विस्तृत जानकारी ली। घटना अवधि के दौरान प्रार्थी के मोबाइल पर आने वाले वाट्सएप नम्बरों एवं बैंक एकाउण्ट के संबंध में जानकारी एकत्रित किया गया। सूक्ष्मता से विश्लेषण मोबाइल नम्बरों के कॉल डिटेल प्राप्त किये गये। ठगी में उपयोग किये बैंक के खाते का स्टेटमेंट प्राप्त किया गया, जिनका सूक्ष्मता से विश्लेषण करने पर यह जानकारी मिली कि घटना करने वाले आरोपी संभाजी नगर महाराष्ट्र के आईसीआईसीआई बैंक के एक खाते का उपयोग किया गया था। इस संबंध में खाता धारक की विस्तृत जानकारी व मोबाइल नम्बर बैंक के माध्यम से प्राप्त कर एक टीम को महाराष्ट्र रवाना किया गया।
आरोपी को उसके गृहग्राम से गिरफ्तार
महाराष्ट्र पहुंचने के बाद टीम द्वारा सांभाजी नगर में आईसीआईसीआई. बैंक के आरोपी के द्वारा उपयोगय में लाये गये खाते में उल्लेखित वैष्णवी ऑटो स्पेयर, दिशा कॉमशियल काम्प्लेक्स बजाज नगर में जाकर पता किया गया। उक्त कंपनी 04-05 वर्ष पूर्व संचालित होना, वर्तमान में वहां नहीं होना पाया गया। इसके बाद टीम के द्वारा प्रोपराईटर बापू श्रीधर भराड़ के निवास अक्षय तृतीया अपार्टमेंट बजाज नगर पहुंची तो वह वहां भी नहीं था। अंततः टीम बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल फोन के आधार पर खाता धारक बापू श्रीधर भराड़ उसके गृहग्राम राहेगांव सांभाजी नगर से गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में उसने डिजिटल अरेस्ट के द्वारा भिलाई के 49 लाख की ठगी करना स्वीकार किया। इसके बाद पुलिस की टीम आरोपी बापू श्रीधर को भिलाई लेकर पहुंची और न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।
पुलिस की अपील डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधन नहीं
ठगी लगातार बढ़ रही घटनाओं व उसके शिकार होते लोगों को दुर्ग पुलिस द्वारा सचेत किया जा रहा है। दुर्ग पुलिस ने अपील करते हुए कहा है कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई भी कानूनी प्रावधान नहीं है। यदि अंजान मोबाइल फोन से ट्राई, सीबीआई, ईडी के अधिकारी बनकर, वाट्सएप एवं ई-मेल के माध्यम से आपको किसी भी प्रकार का कॉल, मैसेज, भ्रामक नोटिस भेजकर झांसें में लिया जाता है तो कभी भी अपनी व्यक्तिगत एवं बैकिंग संबंधित जानकारी साझा न करें। ऐसी स्थिति में तुरंत अपने परिजनों, परिचितों तथा पुलिस को सूचित करें। जिससे की उचित मार्गदर्शन प्राप्त हो सके और धोखाधड़ी की घटना होने से बचा जा सके। अज्ञात मोबाईल नम्बरों व ई-मेल के माध्यम से वाट्सएप कॉल, मैसेज, भ्रामक नोटिस, यूआरएल लिंक आने पर धोखाधड़ी से बचने तुरंत https://cybercrime.gov.in/ के पोर्टल पर जाकर उसे ब्लॉक कराएं।
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