Blog

स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल: विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल, एनजीओ के भरोसे हो रहे ऑपरेशन

बालोद (एजेंसी)। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर बड़ी-बड़ी भवन तो तैयार हैं लेकिन इन भवनों में सुविधा देने वाले चिकित्सक की संख्या नाम मात्र की है। नेत्र विशेषज्ञ की कमी की वजह से विगत महीने भर से मोतियाबिंद के ऑपरेशन न के बराबर हुए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि भले ही नेत्र चिकित्सक नहीं हैं लेकिन हम स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से मोतियाबिंद के ऑपरेशन कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग कब तक स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से चिकित्सकीय सेवाएं जारी रख पाता है।

विशेषज्ञों की कमी
बालोद जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी काफी कमी है। जिला चिकित्सालय के लिए 30 विशेषज्ञ पद हैं जिसमें से महज 11 विशेषज्ञ ही कार्यरत हैं और उसमें से दो राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन से जुड़े हुए हैं। अब जिस विभाग को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की जिम्मेदारी है उसे ही खुद अपनी सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही हैं। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बालोद जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं आखिर कैसी हैं।

सिजेरियन मामले ज्यादातर होते हैं रेफर
आपको बता दें कि जिला अस्पताल में डिलीवरी के दौरान लोगों को ऑपरेशन के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता है। ज्यादातर मामले निजी अस्पतालों को रेफर कर दिए जाते हैं। जिसके कारण लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं। विशाल भवन होने के बाद भी जिला अस्पताल आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है, क्योंकि यहां पर चिकित्सक ही नहीं है। आपको बता दें कि बालोद में स्वास्थ्य सेवाएं सरकारों के आने और जाने से भी नहीं सुधार पाई है।

जानें क्या बोले अधिकारी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महेश सूर्यवंशी ने बताया कि हम लगातार यहां पर नेत्र संबंधित ऑपरेशन स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से कर रहे हैं जो नेत्र चिकित्सक थे उनका रिटायरमेंट हो गया, हालांकि उन्हें उनको फिर काम मिलने की प्रक्रिया चल रही है।

The post स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल: विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल, एनजीओ के भरोसे हो रहे ऑपरेशन appeared first on ShreeKanchanpath.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button