तीनों की नौकरी खत्म करने का आदेश दिया गया है. मामला जिले के हसपुरा के वित्त रहित विद्यालय देवचंद सिंह उच्च विद्यालय डिंडिर का है. तीन शिक्षकों को योग्यता के अभाव में सेवा मुक्त करने का आदेश है.
रिश्तेदारों की नियुक्ति करा दी थीः आरोप है कि विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाचार्य नियमों को ताक पर रखते हुए अपने तीनों रिश्तेदारों की नियुक्ति करा दी थी. इस केस को लेकर अपीलीय प्राधिकार ने अपना फैसला सुना दिया है. तीनों शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने का आदेश प्रबंधन समिति को दिया है.
अजय शर्मा ने की थी शिकायतः तीन शिक्षकों में दो शिक्षिका है जिसमें अनुपमा कुमारी, ममता कुमारी और एक शिक्षक रूपेश कुमार को पद से हटाया जाना तय हो गया है. डिंडीर हाईस्कूल में कार्यरत शिक्षक अजय शर्मा ने ही इस अनियमितता की शिकायत की थी. अजय शर्मा ने इन शिक्षकों पर आरोप लगया था कि तीनों की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध की गई है. तत्कालीन प्रधानाध्यापक महेश प्रसाद सिन्हा ने गलत तरीके से अपने रिश्तेदारों को नियुक्त किया था.
शर्तों को पूरा नहीं करते शिक्षकः अजय शर्मा कहा कि शिक्षक के लिए इन तीनों की योग्यता नहीं थी. शिक्षकों की नियुक्ति 2021 में की गई थी. बिहार सरकार के शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2017 के अनुसार माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए बीएड के साथ-साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक था. तीनों शिक्षक इन शर्तों को पूरा नहीं करते थे. उसके बाद भी पूर्व प्रधानाध्यापक महेश प्रसाद सिन्हा ने नियमों को नजरअंदाज कर अपने रिश्तेदारों को गलत ढंग से नियुक्त करा दिया था.
“तत्कालीन प्रधानाध्यापक महेश प्रसाद सिन्हा ने अपने रिश्तेदारों को नियुक्त करने के लिए नियमावली 2017 को दरकिनार कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत की थी. आज काफी समय के बाद आरोग्य शिक्षकों को पद से हटाने का आदेश आ गया है.”-अजय शर्मा, वादी सह सहायक शिक्षक
अपीलीय प्राधिकार की कार्रवाईः इस मामले में आरोपी बनाए गए तीनों शिक्षकों से उनका पक्ष सुना गया था, लेकिन उनकी सफाई नहीं मानी गई. जिला अपीलीय प्राधिकार औरंगाबाद ने प्रबंध समिति को आदेश दिया है कि आदेश की प्रति प्राप्त होने के एक माह के अंदर तीनों की नियुक्ति रद करना सुनिश्चित करें. प्रबंध समिति ने इस संबंध में कार्रवाई करना शुरू कर दिया है.
वित रहित है विद्यालयःजिले के डिंडिर में स्थित देवचंद सिंह उच्च विद्यालय वित्त रहित है. ऐसे में मामला पूरी तरह प्रबंधन समिति के हाथ में ही रहता है. नियुक्ति और बर्खास्तगी का अधिकार भी उसी को होता है. ऐसे में तीन शिक्षकों पर कार्रवाई के बाद से जिले में चर्चा का विषय बन गया है. बिना योग्यता के ही प्रधानाचार्य ने अपने रिश्तेदार को शिक्षक बना दिया था.
प्रधनाध्यक ने कहा-‘यह गलत आदेश’: इस संबंध में विद्यालय के प्रबंधन समिति के तत्कालीन सचिव सह प्रधनाध्यक महेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि अपीलीय प्राधिकार को सुनवाई करने का अधिकार ही नहीं है, क्योंकि अपीलीय प्राधिकार में सिर्फ विद्यालय के शिक्षक ही जा सकते हैं. अजय शर्मा विद्यालय के शिक्षक नही हैं. प्राधिकार का आदेश में ही विरोधाभास है. कहा कि इस संबंध में बाद में बात करेंगे. अभी मुख्यालय से बाहर हैं.
“अभी मुख्यालय से बाहर हैं. इस मामले में आने के बाद कुछ कह पाएंगे. अजय शर्मा विद्यालय के शिक्षक नही हैं. क्योंकि अपीलीय प्राधिकार में सिर्फ विद्यालय के शिक्षक ही जा सकते हैं.” -प्रधनाध्यक महेश प्रसाद, तत्कालीन सिन्हा