दीवाली की रात में जिमीकंद की सब्जी बनाने का खास रिवाज होता है. जिमीकंद, को सूरन या ओल भी कहते हैं. इस सब्जी को दीवाली पर काफी शुभ माना जाता है और माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिमीकंद सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर की गृह विज्ञान की वैज्ञानिक डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि जिमीकंद की तासीर गर्म होती है. इस वजह से सर्दियों में जिमीकंद लोगों को काफी पसंद आता है. जिमीकंद में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. जिसकी वजह से यह आपको कई बीमारियों से बचाता है. दिवाली पर जिमीकंद को खाने की परंपरा का धार्मिक महत्व भी है. ऐसी मान्यता है कि जिमीकंद की सब्ज़ी को लक्ष्मी पूजन में शामिल करने से घर में बरकत आती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है
जिमीकंद में कैल्शियम, फास्फोरस, मैंगनीज, मैग्नीशियम, सेलेनियम, कॉपर और आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इतना ही नहीं जिमीकंद में हाई कैलोरी वाली सब्जी है. जिमीकन्द का सेवन करने से आपको तुरंत एनर्जी मिलती है.
अगर आप सर्दियों में रोजाना 100 ग्राम से 150 ग्राम जिमीकंद का सेवन करते हैं. तो आप शारीरिक दुर्बलता, ब्लड प्रेशर और मधुमेह जैसी बीमारियों से बच सकते हैं. इतना ही नहीं जिमीकंद का सेवन करने से आप हड्डियों की बीमारियों से भी खुद को सुरक्षित रख सकेंगे. जिमीकंद से मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम को भी मजबूती
जिमीकंद का अर्क पीने से शरीर का मोटापा कम होगा. इसके साथ-साथ बवासीर और भगंदर को रोकने के लिए भी रामबाण साबित होगा. जिमीकंद का नियमित सेवन करने से पेट से संबंधित बीमारियों से भी आपको निजात मिल जाएगी
जिमीकंद को आमतौर पर लोग सब्जी बनाकर उसका सेवन करते हैं. वैसे जिमीकंद को भूनकर, तलकर या फिर उबाल कर भी खाया जा सकता है. जिमीकंद एक सब्जी ही नहीं बल्कि यह रामबाण औषधि है. जो कई तरह की बीमारियों से आपको बचाती है.
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