पिछली 5 सितंबर से सरकार ने महंगी प्याज से आम जनता को राहत दिलाने के लिए ओपन मार्केट में सस्ती प्याज की बिक्री शुरू की थी. जिसका असर बाजार में दिखाई देने लगा है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि पांच सितंबर को शुरू की गई सरकार की सब्सिडी (Government Subscidy) वाले प्याज की बिक्री से कुछ ही दिनों में शहरों में प्याज की कीमत में गिरावट आई है.
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 60 रुपये से घटकर 55 रुपये किलो हो गई, वहीं मुंबई में रेट 61 से घटकर 56 रुपये किलो रह गया.
दिल्ली के बाद शुरू हुई इन शहरों में भी बिक्री-
दिल्ली और मुंबई में शुरू हुआ यह कार्यक्रम अब चेन्नई, कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर और गुवाहाटी सहित अन्य प्रमुख शहरों में भी फैल चुका है. चेन्नई में खुदरा कीमत 65 रुपये से घटकर 58 रुपये किलो हो गई. सरकार ने मोबाइल वैन और एनसीसीएफ और नैफेड के आउटलेट (NAFED outlets) के जरिये 35 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दर पर प्याज की बिक्री शुरू की है. बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने सब्सिडी वाली प्याज की मात्रा बढ़ाने और डिस्ट्रीब्यूशन चैनलों (Distribution Channels) का विस्तार करके ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, केंद्रीय भंडार आउटलेट (Central Store Outlet) और मदर डेयरी के सफल स्टोर को शामिल करने का फैसला किया है.राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जा रहा-
बता दें कि प्याज का थोक निपटान भी सरकार ने प्रमुख शहरों में शुरू कर दिया है. यह दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में पहले ही शुरू हो चुका है और हैदराबाद, बेंगलुरु और कोलकाता (Banglore and kolkata) और बाद में सभी राज्यों की राजधानियों तक इसका विस्तार करने की प्लानिंग है.
रसद आपूर्ति में सुधार (Improvement in logistics Supply) और कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सड़क और रेल नेटवर्क दोनों को शामिल करते हुए एक दोहरी परिवहन रणनीति लागू की जा रही है. उपभोक्ता मामले विभाग मांग और मूल्य प्रवृत्तियों के आधार पर लक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 4.7 लाख टन प्याज के बफर स्टॉक (Buffer Stock) और पिछले वर्ष की तुलना में खरीफ बुवाई क्षेत्र में बढ़ोतरी के साथ ‘सरकार को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में प्याज के दाम नियंत्रण में रहेंगे.’ साथ ही ये भी कहा गया है कि उन्नत खुदरा और थोक बिक्री रणनीतियों के संयोजन से कीमतों में स्थिरता आएगी और किफायती प्याज की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित होगी.