बिहार के स्मार्ट बिजली मीटर के उपभोक्ताओं को रिचार्ज करने में भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। अगर वे खुद से मीटर रिचार्ज नहीं कर पाएंगे तो उनके दरवाजे पर जाकर बिजली कंपनी के प्रतिनिधि रिचार्ज कर देंगे। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसी को परेशानी नहीं हो, इसके लिए कंपनी हर गांव में एक प्रतिनिधि रखेगी जो मीटर रिचार्ज कर सकें। प्रतिनिधियों को कंपनी की ओर से चयनित एजेंसी के जरिए बहाल किया जाएगा। ये हर तीन महीने पर मीटर का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट कंपनी को देंगे। देखेंगे कि मीटर से छेड़छाड़ तो नहीं कर रहे हैं।बिहार में अब तक 44 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। अगले साल तक सभी दो करोड़ स्मार्ट मीटर लगाया जाना है। शहरी के साथ अब ग्रामीण इलाकों में भी स्मार्ट मीटर लगना शुरू हो गया है। यह प्रीपेड है, ऐसे में इसे पहले रिचार्ज कराने के बाद ही बिजली की सुविधा मिलती है। ग्रामीण क्षेत्रों में वसुधा केंद्रों में रिचार्ज की सुविधा है। पर यह केंद्र अभी औसतन हर पंचायत में एक ही है। एक पंचायत में तीन-चार गांव और उसमें हजारों उपभोक्ता हैं। ऐसे में एक वसुधा केंद्र से स्मार्ट मीटर को रिचार्ज करना संभव नहीं है।
दो-तीन महीने में सभी प्रक्रिया पूरी हो जाएंगी
बिजली कंपनी ने हर गांव के लिए एक-एक प्रतिनिधि रखेगी जो स्मार्ट मीटर रिचार्ज का काम करेंगे। सामान्य मीटर रहने पर उपभोक्ताओं के यहां कंपनी के प्रतिनिधि मीटर की रीडिंग करने जाया करते थे। उसी तर्ज पर प्रतिनिधि घर-घर जाकर मीटर रिचार्ज करेंगे। बदले में कंपनी कमीशन देगी। इन प्रतिनिधियों को कंपनी डेढ़-दो फीसदी कमीशन दे सकती है। प्रतिनिधियों को एजेंसी के माध्यम से ही बहाल किया जाएगा। एजेंसी के लिए कंपनी ने निविदा जारी कर दी है। अगले दो-तीन महीने में सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार ने कहा कि एजेंसी के माध्यम से प्रतिनिधि बहाल करने की तैयारी चल रही है। हर गांव में एक-एक प्रतिनिधि होंगे जो स्मार्ट मीटर रिचार्ज करेंगे। साथ ही स्मार्ट मीटर का भौतिक सत्यापन भी करेंगे।