छत्तीसगढ़

IAS अवार्डः छत्तीसगढ़ के इन 7 राप्रसे अधिकारियों को आईएएस बनाने अगले महीने दिल्ली में बैठक, देखिए कौन-कौन बनेंगे आईएएस?

रायपुर। राज्य प्रशासनिक सेवा के 2008 बैच के अधिकारियों की अगले महीने यूपीएससी में सलेक्शन कमेटी की अहम बैठक होगी। इस हाई प्रोफाइल सलेक्शन कमेटी में यूपीएससी चेयरमैन कमेटी के प्रमुख के तौर पर मौजूद रहेंगे। उनके अलावे छत्तीसगढ़ के चीफ सिकरेट्री और जीएडी सिकरेट्री के साथ भारत सरकार के डीओपीटी के ज्वाइंट सिकरेट्री मेम्बर होते हैं। यूपीएससी में आईएएस अवार्ड पर मुहर लगने के बाद फिर आगे की कार्यवाही और नोटिफिकेशन के लिए फाइल केंद्र सरकार याने डीओपीटी को भेजी जाएगी। फिर डीओपीटी से नोटिफिकेशन जारी होगा। नोटिफिकेशन का मतलब आईएएस अवार्ड हो गया। इसके महीने भर के भीतर डीओपीटी अफसरों को बैच तय कर देता है।चूकि इस समय छत्तीसगढ़ में स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस कोटे से आईएस बनने के लिए सात सीटों की वैकेंसी है, और पहले के दो अफसर रुके हुए हैं, इस वजह से 2008 बैच के पांच अधिकारियों का ही आईएएस बनने में नंबर लग पाएगा। बता दें, भारत सरकार ने कैडर रिवीजन में 2020 में चार और 2021 में तीन पद राप्रसे अधिकारियों के लिए तय किया था। याने सात पद। इसके लिए डीपीसी करने यूपीएससी ने छत्तीसगढ़ सरकार को लेटर भेज दिया है। राज्य सरकार को भेजे लेटर में यूपीएससी ने 5 अगस्त को सुबह 1130 बजे का टाईम मुकर्रर किया है। हालांकि, लेटर में जीएडी सिकरेट्री का नाम डॉ. कमलप्रीत सिंह लिखा है। हो सकता है, यूपीएससी में नए प्रशासनिक फेरबदल के बाद नाम अपडेट नहीं हो पाया होगा।बहरहाल, सलेक्शन कमेटी में जिन नामों पर मुहर लगने की संभावनाएं प्रबल हैं, उनमें 2000 बैच के राप्रसे अधिकारी संतोष देवांगन और 2002 बैच की हीना नेताम का नाम सबसे उपर रहेगा। दोनों के खिलाफ कुछ मामलों की वजह से इनका आईएएस अवार्ड रुक गया था। मगर कोर्ट से क्लिरेंस मिल जाने के बाद अटकलें लगाई जा रही कि राज्य सरकार इन्हें आईएएस अवार्ड के लिए रिकमांड कर सकती है। इसके बाद 2008 बैच के वैसे तो अधिकारी करीब दर्जन भर हैं। मगर इनमें से पांच का ही नंबर लग पाएगा। क्योंकि, अगर देवांगन और हीना का हुआ तो दो पद कम हो जाएंगे।2008 बैच में सबसे उपर हैं आश्वनी देवांगन, रेणुका श्रीवास्तव, आशुतोष पाण्डेय, सौम्या चौरसिया, रीता यादव और लोकेश चंद्राकर। इन छह में से सौम्या चौरसिया के खिलाफ मामलों की वजह से लिफाफा बंद हो जाएगा। याने बाकी पांच अधिकारियों को आईएएस अवार्ड होने की संभावनाएं प्रबल है। हालांकि, काफी कुछ राज्य सरकार पर निर्भर करता है। कई बार ऐसा भी देखने में आया है कि सलेक्शन कमेटी में संबंधित राज्य के चीफ सिकरेट्री और जीएडी सिकरेट्री होते हैं, उनकी भूमिका इसमें प्रभावी होती है। पिछले आईएएस अवार्ड में पीएससी घोटाले के बाद भी सरकार ने उनका प्रमोशन नहीं रोका।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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