रायपुर। सौर ऊर्जा के उपयोग से कृषकों के उत्पादन क्षमता में वृद्धि के फलस्वरूप उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव देखा जा सकता है। सौर किरण ऊर्जा के गैर परंपरागत एवं नवीकरण योग्य स्रोतों का सर्वाधिक प्रमुख माध्यम है, जिसमें सोलर फोटोवोल्टाइक सेल की मदद से सौर किरणों को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। इस ऊर्जा एवं आधुनिक कृषि तकनीक के मेल से कृषि उत्पादकता में वृद्धि कर जिले दंतेवाड़ा के कृषकों को लाभान्वित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस क्रम में गीदम ब्लॉक अन्तर्गत ग्राम बड़े तुमनार में लगभग 27 लाख रुपये लागत का सोलर फार्म स्टेशन स्थापित किया गया है। इस सोलर फार्म स्टेशन से कृषक पंपों का ऊर्जीकरण करके न केवल सिंचाई क्षमता को बढ़ाया जायेगा बल्कि इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के आधुनिक कृषि मशीनरी जैसे ”थ्रेसर और बीडर” आदि उपकरण भी संचालित होंगे, जिन्हें अब तक विद्युत ऊर्जा के माध्यम से चलाया जाता था।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा जिला में सौर ऊर्जा से संचालित धान कुटाई की लघु मिल भी स्थापित की गई है जो पूर्णत: सौर ऊर्जा से संचालित होगी। इस संबंध में इस सोलर फार्म स्टेशन के ऑपरेटर ने बताया कि इस सौर उर्जीकृत लघु मिल से धान से निकलने वाले चावल की गुणवत्ता बेहतर होती है और चावल भी कम टूटते हैं। साथ ही खेती में काम आने वाले अन्य मशीन भी इसके माध्यम से आसानी से चलाये जा सकते हैं। जिससे किसानों को समय और श्रम की बचत होगी। इसके लिए कृषकों के एक समूह को सोलर पावर स्टेशन संचालित करने का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम बड़े तुमनार के निकटस्थ बहने वाली तुमनार नदी के किनारे लगभग 10 किसानों की कृषि भूमि है जहां की खेती किसानी ही उनके आय का प्रमुख जरिया है और वे पुराने तौर तरीकों से खेती करते चले आ रहे हैं। वर्षा ऋतु में उन्हें आम तौर पर सिंचाई की आवश्यकता नहीं रहती परन्तु मानसून इतर मौसम में फसलों के लिए पानी की समस्या हमेशा उनके सामने खड़ी होती थी। इन किसानों का कहना था कि अब तक वे बारिश के भरोसे ही खेती करते और अधिकतर किसानों के पास विद्युत पंप की सुविधा न होने से दूसरी फसल लगाने में उन्हें दिक्कत होती थी। परन्तु अब सोलर पावर स्टेशन स्थापित होने से बारहमासी पानी की व्यवस्था हो सकेगी, जिससे किसान दोहरी-तिहरी फसल ले सकने में सक्षम होंगे।
बड़े तुमनार ग्राम के सरपंच गुड्डी राम कश्यप ने बताया कि सोलर पावर स्टेशन लगने से यहां के कृषकों में उत्साह का माहौल है। सौर ऊर्जा के माध्यम से चलने वाले सभी प्रकार की कृषि मशीनरी का प्रयोग भी स्थानीय कृषकों ने सीख लिया है और अब इसका लाभ वे खरीफ सीजन के पश्चात् रबी फसलों में लाभ लेने के लिए उत्सुक हैं। विशेष तौर पर ऐसे कृषक जो लम्बे समय से नदी किनारे तोरई, भिंडी, करेला, बैंगन इत्यादि मौसमी साग सब्जियां उगाया करते हैं। आगामी रबी सीजन में अब वे सौर ऊर्जा के माध्यम से साग सब्जी उत्पादन को एक नया परिदृश्य देंगे। दूर-दराज के विद्युत विहीन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तकनीक एक वरदान है, ऐसे किसानों के लिए जो विद्युत चालित पंपों के अभाव के कारण चाह कर भी कृषि कार्य नहीं कर पाते उनके लिए सोलर पावर स्टेशन एक उम्मीद की किरण बन कर आया है और जिसके माध्यम से ग्राम बड़े तुमनार के कृषक परिवार अब उत्पादकता को बढ़ाकर अपनी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को बदलने में समर्थ होंगे।
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