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रत्नावली ने छेड़ी छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मुहिम

सतनामी समाज के गुरु संग मिलीं सीएम साय से
रत्नावली ने मुख्यमंत्री विष्णु देव को सौंपा ज्ञापन
रायपुर। भाजपा नेत्री एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छग शासन पूर्व सदस्य रत्नावली कौशल ने छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मुहिम छेड़ दी है। इस संबंध में रत्नावली कौशल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। रत्नावली कौशल इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठा रही हैं, वे सतनामी समाज के गुरु बाल दास, गुरु प्रवीण माताजी, विधायक गुरु खुशवंत, सोमेश गुरु, सौरब साहेब के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात करने मुख्यमंत्री निवास रायपुर पहुंची थीं।

छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष आर्थिक पैकेज क्यों मिलना चाहिए, इस मसले पर रत्नावली कौशल ने मुख्यमंत्री श्री साय से लंबी चर्चा की और तथ्यात्मक बातें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। सुश्री कौशल ने मुख्यमंत्री से कहा कि छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति बहुल राज्य है। यहां विशेष पिछड़ी जनजातियों में पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार के साथ ही गोंड़, हल्बा, हल्बी, भतरा, भतरी, माहरा, बंसोड़ आदि जनजातियों की बड़ी आबादी निवासरत है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में सतनामी, मोची, महार, कहार, व अन्य अनुसूचित जातियों के लोग भी बड़ी संख्या में निवासरत हैं। राज्य के बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर, कोंडागांव व नारायणपुर जिले पूरी तरह आदिवासियों के जिले हैं। इन जिलों दूसरी जातियों के लोग बमुश्किल पांच प्रतिशत ही हैं। इसी तरह सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, कोरिया, धमतरी, कवर्धा, अंबिकापुर, राजनांदगांव आदि जिलों में भी अनुसूचित जनजाति के लोगों की बहुलता है। वहीं सारंगढ़, महासमुंद, बलौदा बाजार, मुंगेली आदि जिलों में अनुसूचित जाति वर्ग के सतनामी, महार, कहार आदि जातियों के लोगों की बहुलता है। रत्नावली कौशल ने कहा कि आजादी के साढ़े सात दशक बाद भी राज्य के अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे में उतनी कामयाबी नहीं मिल पाई है, जितनी मिलनी चाहिए थी।उन्होंने कहा कि देखा जाए तो छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के ही लोगों का प्रदेश है। इसलिए छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य का दर्जा तथा उसी अनुरूप राज्य के विकास और अनुसूचित वर्गों के कल्याण के लिए विशेष आर्थिक पैकेज दिलाने की पहल करने का आग्रह रत्नावली कौशल ने मुख्यमंत्री से करते हुए अपेक्षा की वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के समक्ष यह मुद्दा जरूर उठाएंगे। रत्नावली कौशल ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा और विशेष आर्थिक पैकेज मिलने से अनुसूचित जनजाति जाति और अनुसूचित जाति बहुल जिलों एवं क्षेत्रों का समुचित विकास हो सकेगा, इन वर्गों के लोगों के सर्वागीण विकास के लिए योजनाओं को धरातल पर उतारा जा सकेगा। इससे अनुसूचित जाति जनजाति समुदाय के लोगों के जीवन में खुशहाली आएगी और वे भारतीय जनता पार्टी के साथ आत्मीयता से जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों के निराधार आरोपों का यह मुहतोड़ जवाब भी होगा।

इन वर्गों की हितैषी है भाजपा
यहां जारी बयान में भाजपा नेत्री रत्नावली कौशल ने कहा है भाजपा की डबल इंजन सरकार अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के कल्याण के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने विशेष प्रधानमंत्री जन मन योजना शुरू की है। इसका सीधा लाभ अनुसूचित वर्ग को मिल रहा है। जल जीवन मिशन के तहत आदिवासियों के और अनुसूचित जाति बहुल वाले गांवों में बोर कराकर और मुफ्त में घर घर नल कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है, जरूरतमंद लोगों के लिए पक्के आवास बनाकर दिए जा रहे हैं, गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है, शिक्षा, चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की जा रही है। रत्नावली कौशल ने कहा कि इसी तरह हमारे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी भी इन वर्गों के हितार्थ लगातार काम कर रहे हैं। चूंकि मुख्यमंत्री श्री साय स्वयं आदिवासी समुदाय से हैं, इसलिए वे इन वर्गों का दर्द बेहतर ढंग से समझते हैं। श्री साय ने अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के उत्थान और उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। मोदीजी और साय जी सबका साथ, सबका विकास के लक्ष्य के साथ समर्पित भाव से लोक कल्याण में जुटे हुए हैं। आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए समर्पित भाव से काम करना शुरू किया है, तो वो है मोदी सरकार और साय सरकार। अन्यथा अब तक कांग्रेस और दूसरे दल इन वर्गों को वोट बैंक के रूप में ही इस्तेमाल करते आए हैं।

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