भिलाई। दुर्ग शहर के ओम परिसर में सचांलित गंगोत्री अस्पताल को जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया गया है। गंगोत्री अस्पताल प्रबंधन को यह नोटिस जिला अस्पताल से रेफर किए गए मरीजों को अपने अस्पताल में भर्ती करने और इलाज के नाम पर भारी भरकम बिल बनाने के नाम पर दिया गया है। नोटिस भेजकर अस्पताल प्रबंधन से 3 दिन के भीतर जवाब भी मांगा गया है।
दरअसल कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को शिकायत मिली थी कि जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों को रेफर किए जाने पर उसे गंगोत्री अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। निजी एंबुलेंस चालक कमीशन के लालच में रेफर मरीजों को उच्च चिकित्सा संस्थान में ले जाने के बजाए गंगोत्री अस्पताल ले जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आ गए। अस्पताल के खिलाफ पूर्व में कई शिकायतें मिली और अब कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया गया।
जानिए नोटिस में क्या है?
गंगोत्री अस्पताल को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि कार्यालय में मो. रजा खान द्वारा शिकायत की गई थी। शिकायत के अनुसार मरीज तौकीर आलम को 16 मई 2024 को जिला चिकित्सालय दुर्ग मे उपचार के लिये भर्ती किया गया था। स्थिति गम्भीर होने के कारण जिला चिकित्सालय द्वारा उन्हे उच्च चिकित्सा संस्था या मेडिकल कालेज के लिए रिफर किया गया था। लेकिन उसे गंगोत्री अस्पताल में भर्ती किया गया।
नोटिस में यह भी कहा गया कि गंगोत्री अस्पताल उच्च चिकित्सा संस्थान की श्रेणी में नहीं आता इसके बाद भी जिला चिकित्सालय से उच्च चिकित्सा संस्थान के लिये रेफर मरीज को गंगोत्री अस्पताल में भर्ती कर उसके जान से खिलवाड करने का प्रयास है। यही नहीं गंगोत्री अस्पताल में आयुष्मान योजना से चिकित्सा सुविधा भी नहीं दी जाती जिसकी पूर्व में भी शिकायतें मिली जिसे लेकर अस्पताल प्रबंधन द्वारा संतोष जनक जवाब नहीं मिला।
नोटिस में यह भी कहा गया कि गंगोत्री अस्पताल के निरीक्षण में पाया गया कि यहां कोई भी एमबीबीएस चिकित्सक उपलब्ध नहीं है। उच्च चिकित्सा संस्थान के लिये रेफर मरीज को अपने निजी चिकित्सालय में भर्ती करने तथा आयुष्मान कार्ड से निःशुल्क उपचार प्रदाय नहीं किये जाने के संबंध मे तीन दिवस के भीतर अपना स्पष्टीकरण अधोहस्ताक्षरी के समक्ष प्रस्तुत करने कहा गया है। सीएमएचओ द्वारा कहा गया कि संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त नही होने की स्थिति मे आपके विरूद्ध नियमान्मार कार्रवाई की जाएगी। संस्था को चिकित्सा सेवा की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
पूर्व में दिए नोटिस का नहीं मिला जवाब
इस मामले में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जेपी मेश्राम का कहना है कि गंगोत्री अस्पताल को पूर्व में भी नोटिस जारी किया गया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर दोबारा नोटिस दिया गया है। तीन दिन में जवाब नहीं मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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