धर्म

पितृ दोष से मुक्ति के लिए जरूर करें बस 3 आसान उपाय, पूर्वजों की आत्मा होगी तृप्त

अमावस्या तिथि पितरों की पूजा के लिए शुभ मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इसके अलावा यह दिन गंगा नदी में डुबकी लगाने और दान-पुण्य के लिए भी अच्छा माना जाता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन के लिए कुछ शक्तिशाली उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से आपके जीवन में चमत्कारी प्रभाव देखने को मिलेगा।वैशाख अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद उसकी 11 बार परिक्रमा करें। फिर घर की दक्षिण दिशा में एक मुट्ठी तिल सरसों के तेल में भिगोकर रखें। जानकारी के लिए बता दें, यह दिशा पूर्वजों की दिशा मानी जाती है। इसलिए जो जातक इस उपाय को करते हैं उन्हें पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पितृ स्तोत्र व श्रीमद्भागवत कथा का करें पाठ

ऐसा माना जाता है कि वैशाख अमावस्या के दिन पितृ स्तोत्र व श्रीमद्भागवत कथा का पाठ करना या सुनना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में शुभता का आगमन होता है। यह दिन विष्णु पूजन के लिए भी विशेष माना जाता है।वैशाख अमावस्या के दिन गाय, कौआ, कुत्ता, ​चिड़िया आदि जीवों को भोजन व पानी का प्रबंध करें। ऐसा कहा जाता है इससे वे तृप्त होते हैं। साथ ही पितर भी खुश होते हैं। इसलिए कोशिश करें कि इन जीवों को इस दिन कुछ न कुछ जरूर खिलाएं। ताकि आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल सके।डिसक्लेमर: ‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी

Manoj Mishra

Editor in Chief

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