देश दुनिया

वृंदावन वाले नवलराम महाराज कौन हैं? प्रेमानंद महाराज से आध्यात्मिक चर्चा करने पहुंचे कुंज आश्रम

मथुरा: धर्म और आध्यात्म की नगरी वृंदावन में संतों के बीच एक महत्वपूर्ण भेंट हुई। वृंदावन के प्रसिद्ध राम सेवा आश्रम के महंत नवलराम महाराज, आध्यात्मिक चर्चा के लिए श्रीराधा हेति केलि कुंज आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। दोनों संतों के बीच काफी देर तक आध्यात्मिक सत्संग पर गहन चर्चा हुई।

प्रणाम और अहंकार पर चर्चा

मुलाकात के दौरान नवलराम महाराज ने प्रेमानंद महाराज को आध्यात्मिक पुस्तक भेंट करते हुए उनका माल्यार्पण किया और प्रणाम किया। इसके बाद दोनों संतों के बीच ‘प्रणाम’ के महत्व पर आध्यात्मिक संवाद हुआ। नवलराम महाराज ने कहा, ‘प्रणाम सदैव अपने से श्रेष्ठ को किया जाता है और भगवान सबसे श्रेष्ठ हैं। प्रणाम करने से जीव का अहंकार स्वाभाविक रूप से समाप्त होता है।’ उन्होंने प्रेमानंद महाराज से धर्म का प्रचार निरंतर जारी रखने की प्रार्थना करते हुए कहा कि पूरा संत समाज उनका बहुत आभारी है।

कलिकाल पर प्रेमानंद महाराज के विचार

इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, ‘हम तो आप सब संतों का झूठन ही बांटते हैं। यदि महापुरुषों के वचनों के अनुसार चला जाए, तो यह कलिकाल है ही नहीं।’

 

सादगी और निस्‍वार्थ सेवा के लिए जाने जाते हैं नवलराम महाराज

नवलराम महाराज वृंदावन में स्थित श्री रामसेवा आश्रम के संस्थापक और महंत हैं। उन्हें उनकी सादगी और निस्वार्थ सेवा के लिए जाना जाता है। वे भक्तों को भगवान का नाम जपने की महिमा और शांति के महत्व के बारे में सिखाते हैं। उनकी पहचान उन संवादों के लिए है जिनमें वे बताते हैं कि भगवान का नाम जपना ही प्राणियों की सबसे बड़ी सेवा है। भक्त अक्सर उनकी सरलता की प्रशंसा करते हैं और उन्हें एक ऐसे संत के रूप में देखते हैं जो समाज को केवल दिशा देते हैं।

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button