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मौलाना तौकीर ने धर्मस्थल के नाम पर 30 सालों में बनाई अरबों की संपत्ति, आंखें मूंदे रहे अफसर

बरेली। शहर में उपद्रव के मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर व उसके करीबी नफीस, नदीम, आरिफ, फरहत व अन्य ने बीते 30 वर्ष में अरबों रुपये के अवैध निर्माण खड़े कर दिए। इसमें अधिकतर निर्माण नाले-नालियों, सीलिंग की भूमि, नहर, चकरोड तालाब की भूमि भी शामिल है।

इन अवैध संपत्तियों पर पुलिस-प्रशासन, नगर निगम, बीडीए के अफसर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकें, इसके लिए अधिकतर अवैध निर्माण के सामने एक मजार व अन्य धर्मस्थल बनाए गए, जो पूर्व के बने थे।

धर्मस्थलों के आसपास बनी संपत्तियों पर आमजन की भावनाओं का सहारा लेते हुए तौकीर व उसके करीबी नफीस, नदीम, आरिफ, फरहत व अन्य हर माह करोड़ों की कमाई करते रहे। इनसे हो रही आय को लेकर इनकम टैक्स व अन्य खुफिया विभाग भी फेल नजर आए। अब उपद्रव के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद प्रशासन ने पहली बार ठोस कार्रवाई की योजना बनाई।

एसएसपी अनुराग के अगुआई में उपद्रवियों-अपराधियों पर कानूनी शिकंजा कस रहा तो अवैध निर्माण की कुंडली बीडीए उपाध्यक्ष डा. मनिकंडन ए. ने तैयार कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इसमें आरिफ के अवैध बरातघर, होटल, काम्प्लेक्स को सील करने के साथ अन्य कई अवैध निर्माण को भी चिह्नित कर लिया है। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने भी नाले पर बनी अवैध दुकानों को चिह्नित कर सीलिंग की कार्रवाई के साथ ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया है।

नावल्टी, नौमहला, मिनी बाइपास, जिला पंचायत रोड पर अवैध निर्माण चिह्नित

तौकीर व उसके करीबी नफीस, नदीम, आरिफ, फरहत व अन्य ने नावल्टी पर मजार की आड़ में तीन मंजिला 74 दुकान के साथ, पीलीभीत रोड पर फाइक इन्क्लेव कालोनी में 60 से अधिक अवैध निर्माण, होटल, बरातघर, काम्प्लेक्स समेत अन्य निर्माण चिह्नित कर लिए हैं।

जानकारों के अनुसार यह सभी निर्माण बीते 30 वर्ष में किए गए हैं, जो लगातार बढ़ता रहा। इसे रोकने के जिम्मेदार नगर निगम और बीडीए के पूर्व में तैनात रहे अफसरों ने कभी भी इसे रोकने या खत्म करने के लिए कभी इच्छाशक्ति नहीं दिखाई।

शासन स्तर से भी पहली बार दिखी सख्ती

पूर्व की सरकार में प्रमुख पदों पर बैठे लोगों के साथ तौकीर व उसके करीबियों ने अपने संबंध का खूब फायदा उठाया, जिसके कारण इन अवैध निर्माण को हटाने के लिए अफसर कतराते रहे या फिर आंखें मूंद आगे बढ़ते गए।

अब सत्ता परिवर्तन के बाद शासन स्तर से भी सख्ती हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं हर एक बिंदु पर ठोस कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं, जिसका परिणाम है कि तौकीर व उसके करीबियों पर कानूनी शिकंजा के साथ अवैध निर्माण की भी खाका तेजी से तैयार किए जा रहे हैं।

माना जा रहा है कि पुलिस तौकीर व उसके करीबियों की संपत्तियों की भी जांच के लिए बैंक, निबंधन, आयकर व अन्य विभागों के साथ पत्राचार कर रही है।

वर्ष-1995 से बदल गए 29 अफसर, अब हो रही कार्रवाई

बीते 30 वर्ष में बीडीए के 29 अफसर बदल गए, जिन्होंने तौकीर व उसके करीबी नदीम, आरिफ, फरहत, शराफत मियां समेत के फाइक इन्क्लेव, फहम लान, फ्लोरा गार्डन, हमशफर बरातघर, नावल्टी मजार की आड़ में खड़ी तीन मंजिला काम्प्लेक्स सील या ध्वस्त नहीं कर सके।

उस अवधि में प्राधिकरण में भगत सिंह वर्मा (1995), ए.क्यू फारुखी (1996), कुलदीप सेठ (1997), गिरधारी लाल (1998), सुरेंद्र बहादुर सिंह (1998), एबी सिंह (1999), दिलबाग सिंह (1999), केबी अग्रवाल (2000), अनीता चटर्जी (2003), शशिशेखर सिंह (2004), आरपी अरोरा (2004), सीताराम यादव (2005), अविनाश गौड़ (2006), काशीराम व राममोहन सक्सेना (2007), जयप्रकाश सागर (2008), राजमणि यादव (2012), राजेंद्र कुमार (2013), शफकत कमाल (2014), शशांक विक्रम (2015), गरिमा यादव (2016), डा. सुरेंद्र कुमार (2016), उनके बाद दिव्या मित्तल, नीतीश, जोगिंदर सिंह उपाध्यक्ष बने और तौकीर व उसके करीबियों के अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं कर सके। दो वर्ष पहले इस तत्कालीन कमिश्नर ने जांच कराई तो पाया कि सीलिंग व सरकारी जमीन पर कब्जा भी पाया, मगर प्रकरण के शांत होते ही फाइल दबा दी गई।

अब पहली बार अवैध निर्माण पर चल रहा डा. मनिकंडन का बुलडोजर

शहर में उपद्रव में शामिल मौलाना तौकीर और उसके करीबियों पर पहली बार विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डा. मनिकंडन ए. ने एक्शन लिया है। इसकी शुरुआत पीलीभीत रोड पर बने आरिफ के फहम लान, स्काईलार्क होटल, फ्लोरा गार्डन, शाहजहांपुर स्थित हमसफर बरातघर समेत अन्य अवैध निर्माण को सील कर दिया।इसमें 30 से अधिक अवैध निर्माण का पूर्व में ही ध्वस्तीकरण आदेश की फाइलों को भी दिखवाया जा रहा है, जिस पर जल्दी ही बुलडोजर चलाने की योजना बनाई जा रही है। बीडीए उपाध्यक्ष डा. मनिकंडन ए. के अनुसार अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है जो आगे भी जारी रहेगी।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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