रायपुर। दो दिन पहले उरला थाना क्षेत्र में बारदाना फैक्ट्री में काम करने वाले युवक की लहूलुहान लाश उसके घर से कुछ दूरी पर मिला था। युवक की हत्या के बाद शव को वहीं छोड़कर अज्ञात आरोपी फरार हो गया था। इस मामले मे उरला पुलिस को सफलता मिल गई है। उरला पुलिस की सूचना पर आरोपी को राउरकेला रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ की टीम ने धर दबोचा। आरोपी बिहार भागने के इरादे से साउथ बिहार एक्सप्रेस में सवार हो गया था। राउरकेला आरपीएफ की टीम ने आरोपी को उरला पुलिस को सौंपा। उरला पुलिस ने शुक्रवार को मामले का खुलासा किया।
बता दें 10 अप्रैल की सुबह उरला थाना क्षेत्र के राजेन्द्र नगर वार्ड एक प्रगति स्कूल के पास एक युवक की लहूलुहान लाश की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक की पहचान विजय यादव के रूप में की। विजय यादव के पिता रमाशंकर यादव सब्जी बेचते हैं और मृतक बोरा कंपनी में काम करता है। 9 अप्रैल की रात को खाना खाने के बाद टहलने गया और दूसरे दिन उसकी लाश मिली। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए रायपुर एसपी संतोष सिंह ने विशेष निर्देश दिए। इसके बाद थाना उरला व एंटी क्राइम व साइबर यूनिट की टीम ने संयुक्त रूप से जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि मृतक विजय यादव का अपने एक मित्र रूपेश कुमार से विवाद चल रहा था। इस क्लू के सहारे जब पुलिस ने रूपेश की पतासाजी शुरू की तो वह गायब मिला। उसका मोबाइल फोन भी बंद आ रहा था। इसके बाद पुलिस को उस पर शक गहराया। पुलिस ने रूपेश के जानपहचान वालों से पूछताछ की तो पता चला कि वह सुबह साउथ बिहार एक्सप्रेस से कहीं रवाना हुआ है।
राउरकेला आरपीएफ को दी सूचना
जैसे की पुलिस को पता चला कि रूपेश साउथ बिहार एक्सप्रेस से रवाना हुआ है पुलिस ने उसकी लोकेशन निकाली। ट्रेन राउरकेला स्टेशन पहुंचने वाली थी। इसके बाद उरला पुलिस ने रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंची और सीसी कैमरा फुटेज में रूपेश को स्टेशन पर देखा। इसके बाद रायपुर आरपीएफ निरीक्षक अजय शर्मा को घटना की जानकारी देकर रूपेश की फोटो देकर राउलकेला आरपीएफ को सूचित करने कहा गया। अजय शर्मा द्वारा राउलकेला आरपीएफ निरीक्षक गौतम प्रकाश गांधी को सूचित कर साउथ बिहार एक्सप्रेस स्टेशन पहुंचने पर तलाशी लेने कहा गया।
पुलिस को देख भागने लगा आरोपी
जैसे ही साउथ बिहार एक्सप्रेस राउरकेला पहुंची तो निरीक्षक गौतम प्रकाश गांधी आरपीएफ की टीम को एलर्ट कर तलाशी करवाया गया। रूपेश कुमार ने जब देखा कि पुलिस सभी बोगियों की तलाशी ले रही है तो उसे शक हुआ और वह भागने लगा। यह देख आरपीएफ के जवानों ने रूपेश को घेरकर पकड़ा और रायपुर आरपीएफ को सूचित किया। इसके बाद आरपीएफ की एम टीम आरोपी को रायपुर लेकर पहुंची और उरला पुलिस के हवाले किया। उरला पुलिस की पूछताछ में रूपेश ने विजय यादव की हत्या करना स्वीकर किया।
रुपए के लेनदेन को लेकर की थी हत्या
पुलिस की पूछताछ में आरोपी रूपेश ने बताया कि विजय यादव ने उसे उधार में राशन दिलवाया था। राशन के पैसों के लिए वह बार बार उसे तंग कर रहा था जिससे वह काफी परेशान हो गया। विजय बार बार रुपए के लिए रूपेश से गाली गलौच करता था। इससे तंग आकर उसने अपने एक नाबालिग साथी के साथ मिलकर हत्या का प्लान बनाया। 9 अप्रैल की रात रूपेश को पता चला कि खाना खाने के बाद विजय घर से बाहर निकला और सड़क किनारे मोबाइल पर बात कर रहा है। इसके बाद वह मौके पर पहुंचा और अपने नाबालिग साथी के साथ लोहे की रॉड से उस पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इसके बाद वह बिहार भागने के लिए साउथ बिहार एक्सप्रेस से रवाना हो गया। पुलिस ने आरोपी रूपेश का बयान लेने के बाद उसे विधिवत गिरफ्तार किया और घटना में प्रयुक्त लोहे का रॉड जब्त किया। इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी उरला बीएल चन्द्राकर, परेश पांडेय प्रभारी एसीसीयू , उप निरीक्षक तेजराम कंवर थाना उरला, उप निरीक्षक सतीश पुरिया एसीसीयू , प्रधान आरक्षक कुलदीप द्विवेदी, आरक्षक दीपक सिंह, सत्येन्द्र प्रधान, विनय पाण्डेय, विकास क्षत्री एवं रवि तिवारी का उल्लेखनीय योगदान रहा।
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