भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों के लिए लगेज की लिमिट तय कर दी है. रेलवे ने बताया है कि हर क्लास के यात्रियों के लिए लगेज की सीमा भी अलग-अलग रहेगी. 1 अप्रैल के बाद यात्रा करने वालों को इसकी जानकारी होना जरूरी है. भारतीय रेलवे रोजाना करीब 3 करोड़ यात्रियों को सफर कराती है. इन सभी यात्रियों को अपने साल लगेज यानी सामान लेकर यात्रा करने की छूट है.भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क में यात्रा करने वाले लाखों लोगों के लिए यह जानना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि टिकट बुक करना. आधिकारिक भारतीय रेलवे नियमों के अनुसार, मुफ्त सामान की अनुमति यात्रा श्रेणी के अनुसार तय होती है. मसलन, अगर आप फर्स्ट क्लास में यात्रा कर रहे हैं तो सबसे ज्यादा सामान ले जा सकते हैं, जबकि सेकंड सिटिंग क्लास या जनरल क्लास के यात्रियों के लिए सामान की लिमिट सबसे कम है.
एसी फर्स्ट क्लास में क्या लिमिट
रेलवे ने ट्रेन के एसी फर्स्ट क्लास के यात्रियों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 70 किलोग्राम तक का सामान ले जाने की अनुमति देता है. इसी तरह, एसी 2-टियर के यात्रियों को 50 किलोग्राम तक का सामान ले जाने की अनुमति है तो एसी 3-टियर और स्लीपर क्लास के यात्रियों को 40 किलोग्राम तक का सामान ले जाने की छूट है. जाहिर है कि इतना सामान लेकर यात्रा करने वालों से रेलवे कोई अतिरिक्त किराया या पैसा नहीं लेता है.
जनरल क्लास के लिए क्या है लिमिट
अगर आप ट्रेन की जनरल बोगी या सेकंड सिटिंग क्लास की श्रेणी में यात्रा कर रहे हैं तो इसमें सामान ले जाने के लिए रेलवे ने सबसे कम छूट दे रखी है. जनरल बोगी के लिए यह सामान की यह लिमिट महज 35 किलोग्राम है. इसका मतलब है कि अगर आप जनरल बोगी या जनरल टिकट पर यात्रा कर रहे हैं तो अपने साथ महज 35 किलोग्राम वजन तक का सामान ही ले जा सकते हैं.ज्यादा वजन ले जाना हो तो…
रेलवे के नियमानुसार, अगर किसी यात्री को तय लिमिट से ज्यादा वजन का सामान लेकर जाना हो तो उसे पहले से ही लगेज वैन बुक करानी होगी. लगेज वैन में आप कितने भी वजन का सामान लेकर जा सकते हैं. लेकिन, अगर आप अपने साथ रेलवे की तय लिमिट से ज्यादा वजन का सामान ले जा रहे हैं तो रेलवे इसके लिए जुर्माना लगा सकता है. यह रकम रेलवे की सामान पर वसूले जा रहे सामान्य रेट से डेढ़ गुना हो सकती है. मसलन अगर रेलवे की दर 10 रुपये प्रति किलोग्राम है तो वह आपसे 15 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से जुर्माना वसूल सकता है.वजन के साथ आकार भी जरूरी
रेलवे किसी सामान के वजन के हिसाब से तो शुल्क वसूलता ही है, साथ ही उसके आकार के हिसाब से भी यह तय किया जाता है. रेलवे ने सामान का आकार भी तय कर दिया है. यात्री वाले डिब्बे में रेलवे सिर्फ 100 सेंटीमीटर X 60 सेमी X 25 सेमी (लंबाई X चौड़ाई X ऊंचाई) आकार के ट्रंक, सूटकेस और बॉक्स सामान के रूप में ले जाने की अनुमति है. इससे ज्यादा बड़ा सामान होने पर उसे भारी सामान की श्रेणी में शामिल किया जाएगा.





