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मौर्यकाल से लेकर मुगल हुकूमत तक… भारत में कैसे मनाया जाता रहा है होली का त्योहार?

नई दिल्ली: आज देशभर में होली का त्योहार मनाया जा रहा है। होली के त्योहार के पीछे कई पौराणिक कहानियां हैं। लेकिन यह त्योहार समय के साथ बदलता रहा है। प्राचीन काल से लेकर मुगल साम्राज्य तक, अलग-अलग शासकों ने इसे अपने-अपने ढंग से मनाया। मौर्य साम्राज्य के समय होली मनाने के अलग परंपरा थी, तो मुगलों के वक्त अलग। आज हम चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक और मुगल बादशाहों के समय में होली के रंगों को देखेंगे। क्या वाकई पुराने जमाने में भी होली ऐसे ही मनाई जाती थी जैसी आज मनाई जाती है? आइए बताते हैं।

मुगल काल में मनाई जाती थी भव्य होली

भारत में होली का उत्सव सदियों से मनाया जाता रहा है। मुगल काल में भी होली बड़े धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती थी। कई मुगल बादशाहों ने इस हिंदू त्योहार को अपना लिया और इसे अपनी संस्कृति का हिस्सा बनाया। मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर होली को ‘ईद-ए-गुलाबी’ या ‘रंगों की ईद’ कहते थे। उनके समय में होली पर संगीत, नृत्य और रंगों का इस्तेमाल होता था।

अकबर खुद खेलता था होली

वहीं बादशाह अकबर के शासनकाल में होली और भी धूमधाम से मनाई जाने लगी। अकबर खुद होली खेलते थे। वे अपनी पत्नी जोधा बाई के साथ इस त्योहार का आनंद लेते थे। उनके दरबार में होली का उत्सव मनता और सभी धर्मों के लोग होली खेलते थे।वहीं जहांगीर के समय में भी होली की रौनक बरकरार रही। उनकी पत्नी नूरजहां भी होली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं। उनके दरबार में रंगों के साथ-साथ फूलों की होली भी खेली जाती थी।

शाहजहां के काल में पानी से खेली जाती थी होली

इसके अलावा शाहजहां के दौर में होली को ‘आब-ए-पाशी’ कहा जाता था, जिसका मतलब है पानी की बौछार। दरबार में रंगों और पानी के साथ-साथ संगीत और नृत्य का भी आयोजन होता था। शाहजहां भी इस उत्सव में शामिल होते थे।

औरंगजेब ने लगाई कई पाबंदियां

इसके बाद जब औरंगजेब बादशाह बना तो उसने होली पर कुछ पाबंदियां लगाईं। फिर भी आम लोग होली मनाते रहे। औरगंजेब के शासन के दौरान मुगस दरबार में होली का आयोजन कम हो गया था, लेकिन लोगों ने अपनी परंपराओं को जिंदा रखा।

मौर्यकाल ऐसे मनती थी होली

मौर्य वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के शासन में कला और संस्कृति को बढ़ावा मिला। उस दौर में होली के त्योहार को पूरा राज्य धूमधाम से मनाया करता था। वसंत के स्वागत में लोग रंगों और उत्सव का आयोजन करते थे। वहीं सम्राट अशोक के शासन काल में भी होली का उत्सव मनाया जाता था। हालांकि अशोक ने बौद्ध धर्म को स्वीकार किया था। लेकिन उनके कई दरबारी और मंत्री हिंदू थे। इसके अलावा उनके राज्य में भी हिंदू मान्यताओं को मानने वाले लोगों की आबादी ज्यादा थी।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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