नागौर:- घर आंगन को सुगंधित फूलों से महकाना हो, तो रात रानी के पौधे के फूल बहुत खास माने जाते हैं. इसका पौधा बहुत लाभदायक व गुणकारी भी होता है. इसे जैस्मिन और हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है. इसके फूल बहुत खूबसूरत सफेद व नारंगी रंग के होते हैं. रात रानी का पौधा हवा में खुशबू व ताजगी का एहसास कराता है. गार्डन में यह पौधा जरूर लगाया जाता है.इस पौधे को गमले व मिट्टी दोनों में आसानी से लगाया जा सकता है. आयुर्वेद में इस पौधे को औषधिय गुणों से भरपूर माना जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर राजेश चौधरी ने को एक औषधीय पौधा है. इस पौधे के फूल पत्तियां व तना औषधीय उपयोग में किए जाते हैं. रात रानी के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन करने से शुगर नियंत्रित होने में सहायता मिलती है.रात रानी के आयुर्वेदिक फायदे
आयुर्वेद में इसका विशेष महत्व है और इसे कई रोगों के इलाज में उपयोग किया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र बताया कि रात रानी की पत्तियों का काढ़ा खांसी, दमा और ब्रोंकाइटिस में राहत देता है. इसकी खुशबू से सर्दी-जुकाम में भी आराम मिलता है. रात रानी की पत्तियों का काढ़ा पीने से वायरल बुखार और डेंगू जैसे रोगों में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर जोड़ों पर लगाने से गठिया और सूजन में आराम मिलता है.अनिद्रा की समस्या में मदद करती है. इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे खुजली और चकत्ते कम होते हैं. इसके अलावा रात रानी के फूलों और पत्तियों का काढ़ा पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है.
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