बेलगावी: कर्नाटक के बेलगावी के ऐनापुर गांव के किसान रतनकुमार पाटिल ने शिमला मिर्च की खेती से शानदार सफलता हासिल की है. 75 दिन पहले लगाए गए शिमला मिर्च के पौधों से अब तक 14 टन फसल प्राप्त हो चुकी है, जिससे उन्होंने 4 लाख रुपये की कमाई की है. इस फसल को पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र और बेलगावी की मंडियों में 40 से 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है.
शिमला मिर्च की खेती में सफलता
बता दें कि बेलगावी जिले के कागवाड़ तालुका के ऐनापुर गांव में स्थित रतनकुमार पाटिल ने अपनी 12 एकड़ भूमि में से एक एकड़ में शिमला मिर्च की खेती की शुरुआत की. इस गांव में हर साल बाढ़ के कारण खेती में नुकसान होता है और किसान मुख्यतः गन्ने की खेती करते हैं, लेकिन रतनकुमार ने अपनी खेती में नवाचार अपनाकर सबका ध्यान खींच लिया है.
आधुनिक तकनीकों का प्रयोग
बता दें कि रतनकुमार पाटिल ने खरपतवार और रोग नियंत्रण (Weed and Disease Control) के लिए और फसल की नमी बनाए रखने के लिए मल्चिंग पेपर (प्लास्टिक शीट) का उपयोग किया. उन्होंने 5×1.5 फीट की दूरी पर प्रोफेसर कंपनी के अच्छे किस्म के पौधे लगाए. इस प्रक्रिया में, 40 गुंटे ज़मीन यानी 1 एकड़ पर अथणी गांव की नर्सरी से 16,000 पौधे लगाए गए थे.14 टन फसल, 40-60 रुपये प्रति किलो
रतनकुमार पाटिल ने बताया कि 75 दिन बाद चौथी कटाई में लगभग 14 टन शिमला मिर्च की फसल प्राप्त हुई है. इस फसल को बेलगावी और महाराष्ट्र की मंडियों में 40 से 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है. अब तक उन्होंने चार लाख रुपये की कमाई की है और आगे 10 लाख रुपये और कमाने की उम्मीद है
रतनकुमार पाटिल का मानना है कि केवल पारंपरिक खेती के तरीकों पर निर्भर न रहकर, कुछ नया करके और आधुनिक तकनीकों को अपनाना चाहिए. शिमला मिर्च की खेती ने न केवल उन्हें अच्छा मुनाफा दिलाया बल्कि खेती में भी खुशी दी.