रोटी बेलना एक ऐसा काम है जो भारतीय घरों में दिनचर्या का हिस्सा है. कई लोग इसे चकले और बेलन का उपयोग करके करते हैं, जबकि कुछ लोग रसोई की स्लैब पर ही रोटी बेलने को सही मानते हैं. लेकिन क्या यह तरीका सही है? क्या रोटी बेलने के लिए स्लैब का इस्तेमाल करना घर की समृद्धि पर असर डाल सकता है? आइए, इस पर विस्तार से समझते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
रसोई की स्लैब पर रोटी बेलने का असर
जब हम रोटी बेलने के लिए चकले का उपयोग करते हैं, तो यह एक परंपरा के रूप में देखा जाता है जो घर की सुख-समृद्धि में योगदान देता है. चकला और बेलन का उपयोग खास तौर पर रोटी बनाने में किया जाता है, और यह माना जाता है कि इनका सही तरीके से प्रयोग घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
यदि हम रोटी बेलने के लिए स्लैब का इस्तेमाल करते हैं, तो यह न केवल रोटी के स्वाद पर असर डाल सकता है, बल्कि यह घर की सुख-शांति और समृद्धि पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. कुछ मान्यताओं के अनुसार, रसोई में चकला-बेलन का प्रयोग करते हुए रोटी बेलने से घर में समृद्धि आती है और राहु-केतु जैसे ग्रहों के प्रभाव से बचाव होता है. इनका सही तरीके से उपयोग घर के वातावरण को संतुलित रखने में मदद करता है वास्तु शास्त्र और रोटी बेलने की परंपरा
वास्तु शास्त्र में रोटी बेलने के लिए चकले और बेलन का विशेष महत्व बताया गया है. इसे घर की समृद्धि और खुशहाली के लिए शुभ माना जाता है. अगर रोटी बेलने के दौरान चकला-बेलन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, तो यह घर में दरिद्रता और धन की कमी का कारण बन सकता है. इसके अलावा, मां अन्नपूर्णा की कृपा भी घट सकती है, जो अन्न और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं.ऐसा होता है असर
इसके विपरीत, यदि रोटी स्लैब पर बेलते हैं, तो वास्तु शास्त्र इसे नकारात्मक मानता है. इसे घर में पापी ग्रहों के प्रभाव के रूप में देखा जाता है, जो परिवार के सदस्यों की सफलता और खुशहाली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं.





