अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत छत्तीसगढ़ का पहला स्टेशन जहां 100 फीसदी काम पूरा
भिलाई। भारत के रेलवे स्टेशनों को सर्वसुविधायुक्त बनाने केन्द्र की मोदी सरकार ने अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना शुरू की। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्टेशनों को भी शामिल किया गया। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत बिलासपुर से लेकर गोंदिया तक स्टेशनों को रिनोवेट किया जा रहा है। इसी कड़ी में दुर्ग जिले के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन भिलाई को भी संवारने का काम शुरू किया। 136 साल पुराने इस रेलवे स्टेशन में रिनोवेशन का काम 100 फीसदी पूरा हो गया है। भिलाई रेलवे स्टेशन अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत भिलाई का रेलवे स्टेशन छत्तीसगढ़ का पहला रेलवे स्टेशन बन गया हैं जहां 100 फीसदी काम पूरा हो गया।
बता दें भिलाई का रेलवे स्टेशन अंग्रेजों के समय आस्तित्व में आया था। 1888 में इसे बनाया गया था। तब इसका स्थान वर्तमान स्थल से लगभग 200 मीटर आगे था। बाद में इसका स्थल बदला गया। मुंबई से हावड़ा रूट पर भिलाई स्टील प्लांट के लिए यह महत्वपूर्ण स्टेशन है। 136 साल पुराने इस रेलवे स्टेशन का अब जाकर रिनोवेशन वर्क किया गया। पिछले दिनों रेलवे के अफसरों ने स्टेशन का निरीक्षण कर काम देखा है। अमृत भारत योजना के तहत बने इस स्टेशन को अब इनोग्रेशन का इंतजार है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी जल्द ही वचुअली इस स्टेशन का लोकार्पण करेंगे।
प्लेटफॉर्म की भव्यता
8 करोड़ की लागत और यह हैं नई सुविधाएं
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत भिलाई रेलवे स्टेशन का रिनोवेशन वर्क लगभग 8 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। चार प्लेटफार्म में शेड व टाइल्स का काम किया गया रिनोवेशव के दौरान यहां 10 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 122 वर्गमीटर में गार्डनिंग, लैंडस्कैपिंग, प्लेटफॉर्म शेल्टर, 10 किलोवाट पावर क्षमता का सोलर पैनल, 4300 वर्गमीटर में प्लेटफॉर्म, 668 वर्ग मीटर में पार्किंग सुविधा, तीन हाईमास्ट लाइट, चार आधुनिक टॉयलेट, भव्य बुकिंग काउंटर, दिव्यांगों के लिए स्पेशल रैंप आदि बेहतर तरीके से बनाए गए हैं।
स्टेशन के फ्रंट गेट पर पुराने रेलवे इंजन का मॉडल
रेलवे इंजन के मॉडल से संदेश
पुरानी भिलाई रेलवे स्टेशन के सामने एक इंजन का मॉडल तैयार किया गया है। आगे का हिस्सा स्टीम इंजन (बंगाल नागपुर रेलवे -59 है और पीछे का हिस्सा जी-12 श्रेणी का इलेक्ट्रिक इंजन (लोकोमोटिव) है। इस तरह से रेलवे इंजन की शक्ति में पिछले 136 साल के दौरान इजाफा हुआ है। 2,000 हॉर्स पावर स्टीम इंजन (1888) से 12,000 हॉर्स पावर (जी-12 श्रेणी) इलेक्ट्रिक इंजन (2024) तक का सफर एक बड़ी उपलब्धि है। साथ ही यहां भिलाई रेलवे स्टेशन के निर्माण के समय से अब तक की डेवलपमेंट को भी नक्से के जरिए रेखांकित किया गया है।
भिलाई रेलवे स्टेशन की पुरानी तस्वीर
पहले और अब की तस्वीर में काफी अंतर
भिलाई रेलवे स्टेशन की पुरानी तस्वीर अंग्रेजों के जमाने की याद दिलाता है। झोपड़ी नुमा फ्रंट गेट पुराने जमाने की यादों को ताजा करता था। अब इसकी तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। स्टेशन का फ्रंट गेट भव्य व आकर्षक बनाया गया है। स्टेशन के पहुंचमार्ग को चौड़ा कर डामरीकरण किया गया है। इसके साथ ही स्टेशन के फ्रंट गेट को आकर्षक बनाने यहां पुराने इंजन का एक मॉडल रखा गया है जिसमें इंजन के सफर को भी दर्शाया गया है। भिलाई रेलवे स्टेशन अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशनों में होने वाले रखरखाव व रिनोवेशन वर्क को भी दर्शाता है।
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