सरेंडर नक्सलियों में दो महिलाएं भी शामिल, पांच नक्सलियों पर था कुल 28 लाख का इनाम
बीजापुर। छत्तीसगढ़ में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा मार्च 2026 तक नक्सलियों का सफाया करने का ऐलान किया गया। शाह के तीन दिवसीय दौरे से लौटने के बाद बीजापुर पुलिस को नक्स्ल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। यहां कुल 25 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में दो महिला नक्सली भी शामिल हैं। यही नहीं इनमें से 6 नक्सली ऐसे हैं जिन पर 29 लाख रुपए का इनाम घोषित है।
बता दें कि 2 दिन पहले छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म करने की बात कही थी। राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ से लगे सभी जिलों के डीजीपी व मुख्य सचिवों की बैठक लेकर अमित शाह ने नक्सली समस्या की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की खुलकर सराहनाकी थी। समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा था कि अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए। बैठक के बाद शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद लोकतंत्र व्यवस्था के लिए चैलेंज है।
बीजापुर पुलिस को मिली बड़ी सफलता
इधर अमित शाह दिल्ली के रवाना हुए और दूसरे ही दिन बीजापुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली। बीजापुर एसपी पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि 29 लाख के छह इनामी सहित 25 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें से तीन नक्सलियों पर आठ-आठ लाख का इनाम हैं। तीनों पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) सदस्य थे। अन्य नक्सलियों में एक पर तीन लाख व दो नक्सलियों पर एक-एक लाख का इनाम था। सभी भैरमगढ़ व गंगालूर एरिया कमेटी में सक्रिय थे। इस वर्ष अब तक 170 नक्सलियों ने समर्पण किया है। 346 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। एसपी जितेन्द्र यादव ने बताया कि नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा व आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार से निराश होकर आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर करने वालों को 25,000 रुपए की सहायता दी गई है और उन्हें सरकार की नीति के अनुसार पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा।
दो महिला नक्सलियों पर 16 लाख का इनाम
बीजापुर एसपी ने बताया कि सरेंडर करने वाली महिला नक्सली 23 साल की शंबती मडकम और 27 साल की ज्योति पुनेम पर 8-8 लाख का इनाम था। सरेंडर नक्सली महेश तेलम पर भी 8 लाख का इनाम था। मडकम 2012 में नक्सली संगठन में शामिल हुई थी। जो प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की गंगलूर और भैरमगढ़ एरिया कमेटी में एक्टिव थी। मडकम 2012 में नक्सली संगठन में शामिल हुई थी। 2012 से मडकम ने कई नक्सली वारदात को अंजाम दिया है। वह सुकमा-बीजापुर हमले में शामिल थी, जिस हमले में 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। इसके अलावा 2021 में बीजापुर के टेकलगुडेम हमले में भी शामिल थी, जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। पुनेम और तेलम इस साल मई में बीजापुर के पिडिया गांव में हुई मुठभेड़ में शामिल थे, जिसमें 12 नक्सली मारे गए थे।
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