भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन और भैया दूज, भाई और बहन के पवित्र रिश्ते का अटूट पर्व है। बहन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती है। वहीं भाई बहन की रक्षा का वचन देता है।
रक्षासूत्र के जरिए हर संकटकालीन स्थिति में बहन भी भाई के लिए सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार रहती है। ऐसी ही मिसाल पेश की है एक बहन सुनीता देवी ने। कस्बे के मालियों के मोहल्ले की निवासी शिक्षिका सुनीता बुडानिया ने भाई देवेन्द्र बुडानिया को किडनी दान दी है। अभी दोनों का अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में उपचार जारी है। सुनीता के पति सुरेन्द्र सिंह भी शिक्षक है।
मूलत: रामगढ उपखंड निवासी ठिमोली निवासी शिक्षक बीरबल बुडानिया ने बताया कि उन्होंने 2016 में पुत्र देवेन्द्र बुडानिया को किडनी दी थी लेकिन आठ साल बाद किडनी ने काम करना बंद कर दिया । इसके बाद देवेन्द्र को दुबारा किडनी की आवश्यकता हुई तब बहन सुनीता अपने भाई की जीवन रक्षा के लिए आगे आई।
पति सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि शादी के बाद भी बेटी का पिता के कुल से रिश्ता खत्म नहीं होता बल्कि वह पीहर और ससुराल के रिश्तों में सेतु का काम करती है। अपने भाई को किडनी देने की इच्छा बताई तो उन्होंने अपने परिजनों से बात कर उसे सहर्ष सहमति दे दी। इसके बाद किडनी दान की प्रक्रिया शुरू हुई जो सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंच भी गई।