भिलाई। नीट परीक्षा परिणाम से जुड़े विवाद के बाद पूरे देश में विद्यार्थियों का प्रदर्शन जारी है। 4 जून को घोषित परिणाम ने इसकी पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर दिया है। देश भर में छात्र संगठन परीक्षा परिणाम का विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में दुर्ग जिले में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने भी सवाल खड़े करते हुए जिलाध्यक्ष गुरलीन सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रपति के नाम पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से सरकार से एनटीए के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की है।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष गुरलीन सिंह ने कहा कि इस वर्ष कुल 67 छात्रों ने 720 में पूरे 720 अंक प्राप्त किए जो अत्याधिक संदिग्ध है। आमतौर पर केवल 3 से 4 छात्र ही पूर्ण अंक प्राप्त करते हैं, हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र से 6 छात्रों का टॉप करना भी संदेह पैदा करता है। साथ ही कुछ छात्रों को 718 और 719 अंक दिए गए है जोकि सांख्यिकीय रूप से संदिग्ध है। छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स के लिए कोई परिभाषिक तर्क नही दिया गया और ना ही दिए गए ग्रेस मार्क्स केअनुसार कोई सूची सांझा की गई है।
गुरलीन सिंह ने कहा कि नीट 2024 का पेपर कई जगहों पर लीक हुआ लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? परीक्षा का नतीजा 14 जून को घोषित होने वाला था लेकिन नतीजा उस समय घोषित किया गया जब मीडिया आम चुनाव के नतीजे को प्रसारित करने में व्यस्त था इस तत्परता का क्या कारण है? एनएसयूआई ने अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए पुनः परीक्षा का अनुरोध किया है। ज्ञापन देने वालों में एनएसयूआई से सोनू साहू, आकाश कन्नौजिया, आदित्य नारंग, मेशांक मिश्रा, सुरेंद्र बाघमारे, मोहम्मद मुज्जमिल, लोकेश भारती, राहुल सिंह, हर्षजीत सैनी, बॉबी सिंह, रवि साहू, वरूण केवलतानी, अमन कुमार, पियूष सिंह, रितिक देव सहित एनएसयूआई कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे थे।
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