धर्म

25 मई से शुरू हो रहा है नौतपा, इतने दिनों तक सूर्य देव उगलेंगे आग, जानें इस दौरान क्या करना चाहिए?

धर्म में नौतपा का खास महत्व बताया गया है। इस दौरान भयानक गर्मी पड़ती है। ऐसे में नौतपा के दौरान इन कार्यों को करना शुभ माना जाता है। तो यहां जानिए नौतपा के बारे में सबकुछ।

25 मई से नौतपा शुरू हो रहा है। इस दौरान सूर्य देव आसामान से आग का गोला बरसाते हैं। नौतपा के समय लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है। दरअसल, नौतपा शब्द नौ दिनों तक पड़ने वाली भयानक गर्मी के समयकाल को कहा जाता है। नौतपा में भगवान सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस दौरान दान धर्म करना भी पुण्यकारी माना जाता है। तो आइए जानते हैं कि नौतपा कब खत्म होगा और इस समय भयानक गर्मी क्यों पड़ती है।

नौतपा में भीषण गर्मी क्यों होती है?

ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है तो सबसे अधिक गर्मी धरती पर पड़ती है। चूंकि नौ दिनों तक सूर्य रोहिणी नक्षत्र में संचार करता है इसलिए, इन नौ दिनों का नाम पड़ गया नौतपा। ज्योतिष से लेकर ही ग्रामीण भारत में प्रचलित हुआ नौतपा शब्द। नौतपा के दौरान अगर बारिश हो जाए तो माना जाता है कि पूरे वर्षभर अच्छी बारिश होगी। यानि प्राचीन समय में नौतपा बहुत महत्वपूर्ण समयकाल था। इस दौरान मौसम का हाल देखकर किसान फसल के भविष्य कैसा रहेगा इसका पता लगाते थे।

नौतपा क्या दौरान क्या करना चाहिए?

नौतपा के समय भगवान सूर्य की पूजा का बड़ा महत्व है। सूर्य देव की आराधना से व्यक्ति के तेज में वृद्धि होती है पर जीवन में संपन्नता आती है। इसके साथ ही नौतपा के दौरान जल दान से पितृ प्रसन होते हैं। इस समय गर्मी चरम पर होती है इसलिए, कोई प्यासा हो तो उसे पानी जरूर पिलाएं। नौतपा के दौरान जल के साथ ही अन्य चीजों का दान करने से भी लाभ की प्राप्ति होती है।

नौतपा  2024 कब खत्म होगा?

 25 मई नौतपा शुरू होगा, जो कि 2 जून को खत्म होगा। सूर्य 25 मई को रोहिणी नश्रत्र में प्रवेश करेंगे और 2 जून तक यहीं  रहेंगे। 2 जून के बाद सूय मृगशिरा नक्षत्र में चले जाएंगे। सूर्य देव जितने समय तक रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं उतने दिनों तक धरती पर भयंकर गर्मी पड़ती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।    जगन्नाथ डॉट कॉम एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

Manoj Mishra

Editor in Chief

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