अगर मैं आपसे सवाल करूं कि ‘आज नाश्ते में आप क्या खाएंगे?’ तो आपके जवाब में कई तरह की डिश के नाम आ सकेत हैं जैसे, पोहा, उपमा, पास्ता, आलू के पराठे वगैरह वगैरह… लेकिन क्या आपका जवाब कभी ‘बासी रोटी’ होगा? 90 प्रतिशत लोगों का जवाब न में ही होगा. रात में जब रोटियां ज्यादा बन जाएं तो अक्सर सुबह इन बासी रोटियों को फेंक ही दिया जाता है. बासी रोटी से लोग मुंह बिचकाते हैं, पर क्या आप भी यही गलती कर रहे हैं? अगर हां तो आपको पता नहीं है कि आप अपनी सेहत के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं. दरअसल जिस रोटी से आप इसलिए भागते हैं कि कहीं आपका वजन न बढ़ जाए. वही रोटी जब बासी हो जाती है तो, आपका वजन कम भी कर सकती है. आज हम आपको बासी रोटी के ऐसे कमाल के फायदे बताने जा रहे हैं कि आप आज से ही रात में एक्स्ट्रा रोटियां बनाकर रखना शुरू कर देंगे.गेंहु की ताजा रोटी की तुलना में बासी रोटी का ग्लाइसेमिक्स इंडैक्स काफी कम होता है. रोटी के ठंडा होने से इसके कार्बोहाइड्रेट स्ट्रक्चर में बदलाव आ जाता है और उसी परिणाम स्वरूप इसका शुगर के रूप में कनवर्जन धीमा होता है. इसी चलते ये ब्लड में भी धीमे ब्लड शुगर को रिलीज करता है. यानी अगर नाश्ते में आप बासी रोटी खाते हैं तो ये आपके लिए घाटे का नहीं बल्कि फायदे का सौदा साबित होगा.जब गर्म बनी रोटी धीरे-धीरे पुरानी होती है तो इस बीच उसका कॉम्प्लैक्स कार्बोहाइड्रेड धीरे-धीरे कम होने लगता है. इससे यह डाइजेस्ट करने में आसान हो जाता है. इसके अलावा बासी हो चुकी रोटी में ग्लूटन भी कम हो जाता है और ये रोटी पचाना ज्यादा आसान होता है.चीजों के बासा होने पर उनमें फर्मेंटेशन का प्रोसेस होता है. ये प्रोसेस किसी भी फूड को सुपरफूड बना देता है. दरअसल रोटी के बासा होने पर ये प्रोबायोटिक्स का सोर्स बन जाती है, जो ऐसे कंपाउंड होते हैं जो गट हेल्थ के लिए जरूरी बैटेरिया का पोषण करता है. गट के ये बैक्टेरिया डाइजेशन को ठीक करने, न्यूट्रीएंट्स का अच्छा अर्ब्जोपशन और इम्यूनिटी सिस्टम को ठीक करने का काम करता है
लोगों को अक्सर लगता है कि बासी रोटी में पोषक तत्वों की संख्या कम हो जाती है. जबकि इस सोच के उलट बासी रोटी में पर्याप्त विटामिन बी, आयरन और फाइबर होता है. अगर आप नाश्ते में बासी रोटी खाते हैं तो आप अपने शरीर को एक न्यूट्रीएंट से भरा नश्ता दे रहे हैं, जिसे बनाने में आपका ज्यादा समय भी नहीं लगा.