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अब टंकी से नहीं आएगा बर्फ जैसा ठंडा पानी, अपनाएं ये फ्री जुगाड़ जो पानी को रखेगा हल्का गर्म

सर्दियों में सबसे बड़ी परेशानी नल से आने वाला बर्फ जैसा ठंडा पानी होता है. सुबह नहाना हो या बर्तन धोने हों, ठंडा पानी पूरा मूड खराब कर देता है. बाजार में पानी की टंकी के लिए इंसुलेशन कवर जरूर मिलते हैं, लेकिन उनकी कीमत इतनी ज्यादा होती है कि हर कोई उन्हें खरीद नहीं पाता. यही वजह है कि ज्यादातर लोग ठंडे पानी से मजबूरी में समझौता कर लेते हैं.

लेकिन यहां अच्छी खबर है. बिना ज्यादा खर्च किए बल्कि देखा जाए तो लगभग फ्री में आप अपनी पानी की टंकी को ऐसा कवर दे सकते हैं जिससे पानी जरूरत से ज्यादा ठंडा नहीं होगा. खास बात यह है कि इस जुगाड़ में घर में पड़ी पुरानी चीजें ही काम आ जाएंगी और पानी का तापमान काफी हद तक बना रहेगा. जान लें अपने काम की बात

फोम शीट से बनाएं सस्ता शानदार इंसुलेशन

अगर आप पानी की टंकी को सर्दी में हल्का गर्म रखना चाहते हैं. तो फोम शीट एक बेहतरीन और सस्ता ऑप्शन है. यह वही फोम शीट होती है जो नए कपड़ों, सूट या इलेक्ट्रॉनिक सामान की पैकिंग में मिलती है. अक्सर लोग इन्हें बेकार समझकर फेंक देते हैं. जबकि असल में ये बहुत अच्छी इंसुलेटर होती हैं. इन फोम शीट्स को आप पानी की टंकी के चारों ओर अच्छे से लपेट सकते हैं.

यह बाहर की ठंडी हवा को अंदर जाने से रोकती है और टंकी के अंदर मौजूद पानी का तापमान बनाए रखती है. सबसे अच्छी बात यह है कि इन्हें जोड़ना आसान होता है. बिना किसी एक्सपर्ट की मदद के आप पूरी टंकी को कवर कर सकते हैं. अगर घर में पहले से यह शीट्स पड़ी हैं. तो यह जुगाड़ लगभग फ्री में हो जाता है.

पुराने कपड़े और चादरें भी आएंगी काम

अगर फोम शीट के साथ आपके पास पुरानी चादरें या बेकार कपड़े पड़े हैं. तो उनका इस्तेमाल इस जुगाड़ को और मजबूत बना देता है. पुराने कपड़े एक नेचुरल इंसुलेटर की तरह काम करते हैं. आप फोम शीट के ऊपर इन कपड़ों को लपेट सकते हैं, जिससे ठंड अंदर जाने का रास्ता और ज्यादा बंद हो जाता है. यह तरीका सस्ता होने के साथ पर्यावरण के लिए भी बेहतर है. क्योंकि इसमें पुरानी चीजों का दोबारा इस्तेमाल होता है. कपड़ों को टंकी के चारों ओर अच्छे से फिट करने के लिए रस्सी या स्टेपलर का इस्तेमाल किया जा सकता है. ध्यान रखें कि कवर ढीला न रहे. सही तरीके से लपेटे गए कपड़े और फोम मिलकर ऐसा कवर बना देते हैं. जिससे सर्दियों में पानी जरूरत से ज्यादा ठंडा नहीं होता और रोजमर्रा का इस्तेमाल काफी आरामदायक हो जाता है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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