छत्तीसगढ़

समिति और तहसील कार्यालय दोनों मॉड्यूल में पृथक कार्यों के प्रावधान*

*एकीकृत किसान पोर्टल“ में धान खरीदी के लिए पंजीयन एवं रकबा संशोधन की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक बढ़ाई गई*

*समिति और तहसील कार्यालय दोनों मॉड्यूल में पृथक कार्यों के प्रावधान*

*उपार्जन केंद्रों में किसानों की सहायता के लिए बनाए गए हेल्प डेस्क*

कवर्धा,  नवंबर 2025। खरीफ वर्ष 2025 अंतर्गत किसानों को धान बेचने में सुविधा को ध्यान में रखते हुए शासन ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। एकीकृत किसान पोर्टल“ में धान खरीदी के लिए पंजीयन एवं रकबा संशोधन की अंतिम तिथि में बढोत्तरी करते हुए 30 नवंबर तक निर्धारित किया गया है। “एकीकृत किसान पोर्टल“ में शेष कृषक, डूबान/वन पट्टाधारी कृषकों के कैरीफारवर्ड नवीन पंजीयन तथा पंजीकृत फसल रकबे में संशोधन की कार्यवाही के लिए 25 नवंबर तक अतिरिक्त समय का प्रावधान किया गया था, जिसे अब बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है। यहीं नहीं अब समिति मॉड्यूल में किसानों की पंजीयन व रकबा संशोधन करवाने की सुविधा दी गई है। समिति लॉगिन व तहसील लॉगिन में अलग-अलग कार्यो का विकल्प दिया गया है, जिससे किसानों को पंजीयन और रकबा सुधार में आसानी हो।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने किसानों की सुविधा के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए है कि शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित हो। गौरतलब है कि खरीफ वर्ष 2025 में “एकीकृत किसान पोर्टल“ के नवीन पंजीयन तथा पंजीकृत फसल रकबे में संशोधन की कार्यवाही 01 जुलाई से 31 अक्टूबर 2025 तक करने का निर्देश जारी किया गया था। किन्तु किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एकीकृत किसान पोर्टल में शेष कृषक, डूबान/वन पट्टाधारी कृषकों के कैरीफारवर्ड नवीन पंजीयन तथा पंजीकृत फसल रकबे में संशोधन के लिए 25 नवंबर से एक सप्ताह अतिरिक्त समय का प्रावधान पोर्टल के तहसील लॉगिन में किया गया था, जिसे अब आगे बढ़ाते हुए 30 नवंबर कर दिया गया है।

*समिति लॉगिन द्वारा होने वाले कार्य-*

नवीन व्यवस्था के अनुसार समिति लॉगिन में किसानों के पंजीयन संबंधित – कृषक एवं संस्थागत कैरी फ़ॉरवर्ड, कृषक नवीन पंजीयन, नॉमिनी संशोधन रकबा/फसल संशोधन के कार्य होंगे।

*तहसील लॉगिन द्वारा होने वाले कार्य-*

तहसील कार्यालय में किसानों के पंजीयन संबंधित – संस्थागत नवीन पंजीयन, रेगहा, अधिया पंजीयन, संयुक्त पंजीयन, डुबान पंजीयन, कृषक एवं संस्थागत निरस्तीकरण जैसे कार्य होंगे।

*उपार्जन केंद्रों में होंगे किसानों के लिए हेल्प डेस्क*

उपार्जन केंद्रों में किसानों के लिए पंजीयन संबंधी कार्यों में सुविधा के लिए कृषक हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गयी है। जिसमे समिति के ऑपरेटर, ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी एवं समीपस्थ च्वाइस सेंटर के प्रतिनिधि किसानों की सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगे।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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