कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने बोड़ला तहसील न्यायालय का किया औचक निरीक्षण, लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के दिए निर्देश
कवर्धा, सितंबर 2025। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा आज बोड़ला तहसील न्यायालय का औचक निरीक्षण कर राजस्व मामलों की गहन समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने तहसील न्यायालय में दर्ज प्रकरणों, लंबित मामलों तथा सुनवाई के लिए निर्धारित तैयार प्रकरणों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा, त्रुटि सुधार, आरबीसी 6-4 सहित समय-सीमा पार कर लंबित प्रकरणों की स्थिति का अवलोकन किया और त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री विनय पोयाम, अनुविभागीय अधिकारी पंडरिया श्री संदीप ठाकुर, बोड़ला श्री सागर सिंह, डिप्टी कलेक्टर श्री आर बी देवांगन, तहसीलदार राजश्री पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने निरीक्षण के दौरान लंबित मामलों की फाइलों की स्वयं समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने किसान पुस्तिका बनाने की प्रगति की जानकारी ली तथा रुके हुए प्रकरणों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आबादी सर्वेक्षण के लंबित प्रकरणों का उल्लेख करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी केस एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि राजस्व संबंधी जनसमस्याओं का निराकरण केवल औपचारिकता न होकर पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए। कलेक्टर श्री वर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनता के छोटे-छोटे कार्यों में अनावश्यक विलंब न हो और प्रत्येक प्रकरण का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान उन्होंने राजस्व निरीक्षकों एवं हल्का पटवारियों को विशेष चेतावनी भी दी कि सभी प्रकार के जांच प्रतिवेदन और आवश्यक अभिलेख निर्धारित समय-सीमा के भीतर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किए जाएं, ताकि सुनवाई और निराकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
कलेक्टर ने निर्देश दिया कि पटवारी अपने निर्धारित दिवस पर अनिवार्य रूप से हल्का मुख्यालय में मौजूद रहें और उसकी तिथि पहले से तय कर दी जाए, ताकि किसानों को सही जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि पटवारी का मोबाइल नंबर हमेशा चालू रहना चाहिए और उसे कार्यालय में चस्पा किया जाए, जिससे किसी कारणवश अनुपस्थित होने पर किसानों को समय पर सूचना मिल सके। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने प्राकृतिक आपदा और सड़क दुर्घटना से संबंधित मामलों की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे सभी प्रकरणों का निराकरण अधिकतम 15 दिनों के भीतर किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक आवेदन पर संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण से विचार करें, ताकि पीड़ितों को समय पर न्याय और राहत उपलब्ध हो सके।