प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के ऊपर कांग्रेस द्वारा बनाए गए आर्टिफिशल जेनरेटेड (एआई) वीडियो को हटाने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने दिया है। अदालत ने इस संबंध में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पीबी बजंथरी और जस्टिस आलोक कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने विवेकानंद सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को यह आदेश दिया।हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस तरह के वीडियो बनाना सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। जारी वीडियो में गलत तथ्यों को पेश किया गया है। वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सपने में अपनी मां का चित्रण किया गया है। इसमें नोटबंदी, चुनाव में धांधली आदि से संबंधित बातें उनकी मां कह रही हैं। साथ ही आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी पर चुनाव में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए टिप्पणी की गई है।बिहार कांग्रेस कमिटी के सोशल मीडिया एक्स हैंडल से यह वीडियो बनाने और प्रचारित करने के खिलाफ लोकहित याचिका पटना हाईकोर्ट में विवेकानंद सिंह की ओर से दायर की गई थी।बता दें कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस के सोशल मीडिया पेज से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था। यह वीडियो पीएम मोदी की मां से जुड़ा था। लेकिन अब पटना उच्च न्यायालय ने ऐसे वीडियो को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। इस AI वीडियो में मां और बेटे को सपने में काल्पनिक बातचीत करते हुए दिखाया गया था। इस वीडियो को शेयर किए जाने के बाद बीजेपी ने इसपर कड़ा एतराज जताया था और इसे पीएम की मां का अपमान भी बताया था
JDU प्रवक्ता नीरज कुमार क्या बोले…
अदालत के इस फैसले के बाद जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि पीएम मोदी की स्वर्गीय मां से संबंधित एआई वीडियो को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाया जाए और अदालत का यह आदेश उनलोगों के लिए आईना है जो कहते हैं कि संविधान खतरे में है। संविधान है तो न्यायपालिका है और न्यायपालिका है तो किसी की मां या पिता पर इस तरह की टिप्पणी करना कानूनन अपराध है। कांग्रेस की राजनीतिक दुर्दशा हो रही है।