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दिन में नरेगा मजदूरी और रात में की परीक्षा की तैयारी, आज है सरकारी नौकरी

भवाद के शिम्भुराम बागडिय़ा के संघर्ष की कहानी किसी हिन्दी फिल्म से कम नहीं
– पुलिस भर्ती में लिखित परीक्षा पास करने के बावजूद दौड़ में रहा, सैकंड ग्रेड 2018 की भर्ती में वेटिंग में रहा, 2020-21 की रीट भर्ती में उत्तीर्ण की, लेकिन सरकार ने चार माह बाद पेपर आउट मानकर परीक्षा निरस्त कर दी
– आखिर बना द्वितीय श्रेणी शिक्षक 

नागौर. दिन में नरेगा में मजदूरी करना और फिर रात को देर तक जागकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना। शुरू की कुछ प्रतियोगी परीक्षा में नम्बर भी अच्छे आए, लेकिन भाग्य ने साथ नहीं दिया। कभी सरकार ने पेपर आउट मानकर परीक्षा निरस्त कर दी तो कभी दौड़ में पीछे रह गया। आखिर वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2022 की जमकर तैयारी की और दिसम्बर 2022 में परीक्षा दी तो विश्वास हो गया कि इस बार तो चयन हो ही जाएगा, लेकिन छह माह बाद आरपीएससी ने सामान्य ज्ञान (जीके) का पेपर आउट मानकर रद्द कर दिया। एक बार थोड़ी निराशा हुई, लेकिन फिर हिम्मत जुटाकर मात्र 40 दिन बाद वापस हुई परीक्षा दी और जब परिणाम आया तो राजस्थान में 59वीं रैंक रही, संभाग में 5वीं और नागौर जिले में पहली। यह कहानी है नागौर जिले के भवाद निवासी शिम्भुराम बागडिय़ा की, जो वर्तमान में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय उत्तरी मेघवालों की ढाणियां, गुढ़ा भगवानदास में प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

किस्मत ने यूं लिया इम्तिहान
‘किस्मत हमको रो लेवे है, हम किस्मत को रो ले हैं।’ किसी शायर की ये पंक्ति शिम्भुराम पर सटीक बैठती है। यानी शिम्भुराम को किस्मत ने कुछ नहीं दिया, जो कुछ पाया है, अपने परिश्रम से पाया है। वर्ष 2017 में पुलिस भर्ती की दौड़ में पिछडऩे के बाद शिम्भुराम सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 में वेटिंग में रह गया। लेकिन हार नहीं मानी और खेती-बाड़ी के साथ 2017-18 में रीट की परीक्षा दी, पर 2-3 अंकों से रह गया। 2020-21 की रीट भर्ती परीक्षा में 150 में से 124 अंक आए, लेकिन सरकार ने चार माह बाद पेपर आउट मानते हुए रद्द कर दिया। इसके बाद 2022 की रीट परीक्षा उत्तीर्ण की। फिर सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती 2022 की तैयारी घर पर बैठकर शुरू की। घरवालों ने हौसलाअफजाई की और पेपर अच्छा हुआ। हालांकि जीके का पेपर आउट होने के कारण दुबारा हुआ, लेकिन दूसरी बार भी अच्छी मेहनत करके परीक्षा दी और आखिरकार सलेक्शन हो गया।

बेरोजगार युवाओं को संदेश
वरिष्ठ अध्यापक शिम्भुराम ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि लगातार मेहनत करते हुए लक्ष्य बनाकर तैयारी करें साथ ही स्वास्थ्य का ध्यान रखें, इसके लिए योग व ध्यान करते रहें। पढ़ाई करते समय मोबाइल का कम से कम उपयोग करें। जिस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उसका सेलेबस ध्यान में रखते हुए पुराने प्रश्न पत्रों को भी पढ़ें। विशेष रूप से कक्षा छह से 12वीं तक की आरबीएसई व एनसीईआरटी की पुस्तकों का गहनता से अध्ययन करें।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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