छत्तीसगढ़

नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय के छात्रों का केवीके भ्रमण

नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय के छात्रों का केवीके भ्रमण

कवर्धा, अगस्त 2025। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत संत कबीर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, कबीरधाम के प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), कबीरधाम का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस दौरान छात्रों को कृषि क्षेत्र से जुड़ी नवीनतम गतिविधियों और प्रयोगात्मक कार्यक्रमों की प्रत्यक्ष जानकारी दी गई।
भ्रमण दल का नेतृत्व महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डा. अशोक कुमार कोसरिया एवं अन्य प्राध्यापकों ने किया। इस अवसर पर डा. बी. पी. त्रिपाठी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र कबीरधाम सहित विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को कृषि विज्ञान केंद्र की प्रमुख गतिविधियों, बीज उत्पादन कार्यक्रम, उन्नत कृषि पद्धतियों तथा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए चलाए जा रहे नवाचारों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

विद्यार्थियों को बताया गया कि कृषि विज्ञान केंद्र न केवल किसानों के लिए प्रशिक्षण, तकनीकी मार्गदर्शन और अनुसंधान का माध्यम है, बल्कि यहां बीज उत्पादन, फसल प्रबंधन, उद्यानिकी, पशुपालन तथा प्रसंस्करण से संबंधित उन्नत तकनीकें भी विकसित एवं प्रदर्शित की जाती हैं।

ज्ञात हो कि नई शिक्षा नीति 2020 को संत कबीर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र कबीरधाम में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू कर दिया गया है। इस नीति के अंतर्गत प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए प्रारंभिक दो सप्ताह का दीक्षारंभ कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसमें विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रम की रूपरेखा, भविष्य की संभावनाओं, हेंड्स-ऑन ट्रेनिंग, मोटिवेशनल लेक्चर, पर्सनालिटी डेवलपमेंट तथा अनुसंधान और नवाचार के अवसरों के बारे में मार्गदर्शन दिया जाता है।
भ्रमण के दौरान छात्रों ने भी अपने अनुभव साझा किए। विद्यार्थियों ने कहा कि केवीके का यह भ्रमण हमारे लिए बहुत उपयोगी रहा। हमें बीज उत्पादन और आधुनिक कृषि पद्धतियों की गहराई से जानकारी मिली। पुस्तक से जो बातें पढ़ते हैं, उन्हें व्यवहारिक रूप में यहां देखकर बहुत कुछ नया सीखने को मिला। इससे हमारे आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई है।
महाविद्यालय प्रशासन का कहना है कि ऐसे भ्रमण छात्रों को पुस्तक तक सीमित ज्ञान से आगे बढ़कर व्यवहारिक अनुभव प्रदान करते हैं, जिससे वे न केवल कृषि क्षेत्र की बारीकियों को समझ पाते हैं बल्कि अपने भविष्य के कैरियर को भी मजबूत दिशा दे पाते हैं।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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