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झुग्गी-बस्तियां हटेंगी, 15 दिन में दफ्तरों का शिफ्टिंग प्लान बनेगा, 2 महीने में डीपीआर भी

सतपुड़ा व विंध्याचल भवन को तोड़कर अरेरा हिल्स क्षेत्र में दिल्ली के सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर नया प्रशासनिक परिसर बनाया जाएगा। बुधवार को साधिकार समिति ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी। इसे मप्र हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाया जाएगा। बैठक में निर्णय हुआ कि जब तक वल्लभ भवन के पास नए भवन नहीं बन जाते, तब तक पुराने भवनों को नहीं तोड़ा जाएगा ताकि मौजूदा दफ्तरों को शिफ्ट न करना पड़े।

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने नगर निगम और कलेक्टर को अरेरा हिल्स की झुग्गियों का शीघ्र विस्थापन करने के निर्देश दिए। साथ ही हाउसिंग बोर्ड को 15 दिन में यह सर्वे करने को कहा गया है कि किन विभागों को नए भवन में शिफ्ट किया जा सकता है।

इसके लिए बोर्ड को सभी विभागाध्यक्षों से चर्चा कर शिफ्टिंग की संभावनाएं तय करनी होंगी। सीएस ने बोर्ड से कहा कि दो माह में कॉम्प्रहेंसिव प्लान को विस्तारित कर नए प्लान की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) अगले दो माह में सबमिट करें और काम शुरू करें।

बैठक में यह भी तय किया गया कि हाउसिंग बोर्ड अपने सर्वे में केंद्र के उन दफ्तरों के एचओडी से भी बात करे, जो भोपाल में चल रहे हैं। यदि केंद्र सरकार से मंजूरी मिलती है तो इन दफ्तरों को भी यहां शिफ्ट किया जा सकता है। हालांकि, जिला स्तर के दफ्तरों को यहां लाने का विचार तभी किया जाएगा, जब एचओडी और केंद्र सरकार के दफ्तरों की बैठक व्यवस्था का प्लान पूरी तरह बना लिया जाए।

इसके बाद भी यदि स्थान मिलेगा तो जिला स्तर के दफ्तरों को भी यहां शिफ्ट किया जा सकता है। सुबह करीब 11 बजे से साढ़े 12 बजे तक मुख्य सचिव दफ्तर के सभागार में चली इस बैठक में एसीएस नगरीय आवास एवं विकास संजय शुक्ल और हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर राहुल हरिदास समेत अन्य विभागाध्यक्ष भी मौजूद थे।

बैठक में फिलहाल यह तय नहीं हुआ है कि इस प्रोजेक्ट को रीडेंसीफिकेशन के तहत बनाया जाएगा या राज्य सरकार इसके लिए अलग से बजट जारी करेगी।

यहां डेवलप होगा सेंट्रल विस्टा… रेड लाइन के बाहर बसी झ़ुग्गी-बस्तियों को सबसे पहले हटाया जाएगा

50 साल के हिसाब से प्लान सीएस ने बोर्ड से कहा है कि नए भवन ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर बनाए जाएं, ताकि इनमें कम से कम बिजली खपत हो। यह पूरी प्लानिंग अगले 50 साल की जरूरतों के हिसाब से की जाए।

वल्लभ भवन व इसके आसपास 8 झुग्गी बस्तियां हैं। इनमें पत्रकार कॉलोनी के पास मालवीय नगर, ओम नगर-2,3, भीम नगर, वल्लभ नगर-1,2 मैप में है। वहीं दो बस्तियां राजीव नगर व अर्जुन नगर मैप में नहीं हैं।

यलो पर रेड लाइन… मेट्रो का पाथ वे। रेड लाइन- इस​के बाहर बसी झुग्गियां

लोगों के आने-जाने के लिए कवर्ड पाथ-वे प्लान करें… बैठक में तय हुआ कि अरेरा हिल्स को ऑरेंज और ब्लू मेट्रो रूट से जोड़ा जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए कवर्ड पाथ-वे बनाए जाएंगे, जिनमें हॉकर्स कॉर्नर और संड्री शॉप्स होंगी। सड़कों को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सभी को आसानी से मिले।

वीआईपी मूवमेंट का रूट भी अलग हो … बैठक में तय हुआ कि भोपाल के सेंट्रल विस्टा की ओर आने वाली हर सड़क की प्लानिंग की जाए। एक लेन ऐसी भी हो, जिससे वीआईपी मूवमेंट आसानी से हो सके और आम लोगों को परेशान न होना पड़े। मौजूदा स्थिति में सतपुड़ा-विंध्याचल भवन के बाहर सड़कों पर भी गाड़ियां खड़ी रहती हैं। ऐसा नए भवनों में न हो।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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