शिकायत की जांच में दोषी पाए जाने पर सरगुजा संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा की सख्त करवाई
सूरजपुर। सूरजपुर जिले के ग्राम कोयलारी तहसील भैयाथान में फर्जीवाड़े ही हद हो गई। यहां के तहसीलदार ने एक जीविज वृद्धा को मृत बताकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे उसकी जमीन को दूसरे नाम पर नामांतरण कर दिया। वृद्धा की शिकायत पर जांच हुई और उसके बाद संभागायुक्त ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तहसीलदार को निलंबित कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार आवेदिका शैल कुमारी दुबे ने 26 मई 2025 को शिकायत प्रस्तुत कर बताया कि तहसीलदार संजय राठौर द्वारा सांठगांठ कर उन्हें मृत दर्शाते हुए उनकी निजी स्वामित्व की भूमि (खसरा क्रमांक 45/3, रकबा 0.405 हे.) जिसका रिनंबरिंग में नया खसरा नंबर 344 है, जिसका अनुचित नामांतरण कर विक्रय किया गया।

आवेदिका शैल कुमारी की शिकायत पर अपर कलेक्टर सूरजपुर एवं तहसीलदार लटोरी की संयुक्त टीम द्वारा जांच की गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार संजय राठौर द्वारा जीवित आवेदिका को मृत बताकर उनकी भूमि का नामांतरण सौतेले पुत्र वीरेन्द्रनाथ दुबे के पक्ष में किया गया जो कि प्रथम दृष्टया अनैतिक एवं नियम विपरित पाया गया।

प्रारंभिक जांच में राठौर को अपने पदीय दायित्वों के प्रति गंभीर लापरवाही और स्वेच्छाचारिता का दोषी पाए जाने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन माना गया है। फलस्वरूप कमिश्नर नरेन्द्र कुमार दुग्गा ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत नियम 9(1)(क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में राठौर को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी, तथा निलंबन अवधि के लिए उनका मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर, बलरामपुर-रामानुजगंज नियत किया गया है।
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